बेतिया :: विश्व के अशांत क्षेत्रों में विश्व शांति एवं मानव अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आयें, मानव अधिकारों की रक्षा के लिए छात्रों ने लिया संकल्प

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया, बिहार। 10 दिसंबर को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया! जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया! इस अवसर पर सर्वप्रथम विश्व के अनेक अशांत भागों में विश्व शांति एवं मानवता की रक्षा के लिए मानवीय सेवाओं के दौरान मारे गए लोगों के सम्मान में सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया! जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।


इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह फाउंडेशन एजाज अहमद ने कहा कि आज पूरा विश्व मानव अधिकार दिवस मना रहा है! आज से 71 वर्ष पूर्व आज ही के दिन 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानव अधिकार दिवस मनाने का निर्णय लिया था !विगत 71 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व में शांति स्थापित करने का हर संभव प्रयास किया गया है! विश्व में शांति स्थापित करने में भारतीय शांति रक्षक सेनाओं का योगदान अतुल्य रहा है! भारतीय शांति रक्षक सेना आज विश्व के अनेक हिस्सों में अपनी प्राणों की परवाह न करते हुए विश्व शांति एवं मानव अधिकारों की रक्षा के लिए योगदान दे रही हैं! एशिया अफ्रीका एवं लेटिन अमेरिका के देशों में भारतीय शांति रक्षक सेना मानव अधिकारों की रक्षा एवं विश्व शांति के लिए कार्य कर रही है !इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ0 शाहनवाज अली एवं स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर नीरज गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को संकल्प दिलाते हुए कहा कि नई पीढ़ी को विश्व शांति एवं मानव अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आना और भी प्रासंगिक है !राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं सत्याग्रह के मूल मंत्रों से ही विश्व में शांति एवं मानव अधिकारों की रक्षा की जा सकती है !इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीयता महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी 150 शताब्दी पर देश के सभी राज्यों विद्यालयों , महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में गांधी दर्शन एवं मानव अधिकारों की शिक्षा के लिए कक्षा निर्धारित होनी चाहिए ताकि मानवता के मूल सिद्धांतों को नई पीढ़ी समझ सके एवं अपने जीवन को और भी सरल एवं सुलभ बना सके! इन्हीं सिद्धांतों से विश्व के सभी धर्मों के विश्व शांति , मानवता एवं मानव अधिकारों के सिद्धांतों को क्रियान्वित किया जा सकेगा!