प्रशिक्षण के दौरान परियोजना समन्वयक रबी प्रकाश मिश्रा द्वारा बताया गया कि छोटे मझोले किसानों के इस बाढ़ प्रभावित झेत्र में मशरूम की खेती को वेबसाइक रूप से किया जा सकता है। जिसे किसान अपने घरों खेतो में उपजाया जा सकता है। मशरूम एक स्वाथ्य वर्धक प्रोटीन बहुमूल्य का उत्पाद है जिसकी माग बाजारों में तेजी से बढ़ गया है ऐसी क्रम से प्रशिझन डॉक्टर पी एन सिंह ने मसरूम के खाने योग्य प्रजाति को जानकारी देते हुवे स्थानीय जलवायु में ओएस्टर बटन एवं मिल्की मशरूम अत्यधिक उचित प्रजाति बताया जिसे किसान वर्ष भर आप अर्जन के रूप में अपना सकता है और लगभग चार सौ वर्ग फीट क्षेत्र से इस खेती द्वारा तीस हजार रुपया से लेकर चालिश हजार रुपया प्रति सीजन आय प्राप्त कर सकता है प्रशिक्षण में जी इएजी के समन्वयक विजय पांडेय सुपरवइजर सतेंद्र त्रिपाठी, शिव प्रकाश निराला, चखनी ग्राम आपदा प्रबंधक समिति अध्यक्ष विजय संकर सिंह, सरोज देवी, निशा देवी, सुनील रंजन, सुरेश राम, संजय मिश्रा, पंचायत बीडीसी सदस्य इजहार सिद्दिकी, लालबाबू कुमार, मोहन तिवारी, कृष्णावती देवी, रमावती देवी, परमशीला देवी सहित तमात पुरुष महिला समिलित रहे।
बगहा(प.च.) :: मशरूम की खेती पर किसानों के साथ चखनी पंचायत भवन में दो दिवशीय प्रशिक्षण का हुआ शुरुआत