बेतिया(प.चं.) :: लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल एवं आयरन लेडी इंदिरा गांधी को याद करते हुए किया गया भव्य कार्यक्रम का आयोजन

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया प.चं. बिहार। राष्ट्र निर्माण में महान स्वतंत्रता सेनानी लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल एवं आयरन लेडी इंदिरा गांधी के योगदान एवं बलिदान को याद करें देश के युवा! आज दिनांक ३१ अक्टूबर को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में महान स्वतंत्रता सेनानी लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल एवं आयरन लेडी इंदिरा गांधी को याद करते हुए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया! जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया!


इस अवसर पर वरिष्ठ पर्यावरणवादी अमित लोहिया ने महान राष्ट्र निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल एवं आयरन लेडी इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला !इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद (अधिवक्ता) ने कहा कि आज ही के दिन 144 वर्ष पूर्व महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्र निर्माता लोह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म हुआ था !उनका सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा! राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता !देश की आजादी के बाद भारत के गृह मंत्री के रूप में भारत के 600 से अधिक देसी रियासतों को भारत में विलय कराते हुए भारत को एक अखंड रूप देने का साहसी प्रयास किया! सरदार पटेल का सारा जीवन सादगी भरा रहा! हिंदू मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे सरदार वल्लभभाई पटेल!


इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी शाहनवाज अली एवं वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल कहा कि आज ही के दिन आज से लगभग 36 वर्ष पूर्व 31 अक्टूबर 1984 को आयरन लेडी इंदिरा गांधी शहीद हो गई! भारत के प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नीतियों को आगे बढ़ाते हुए भारत को एक रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी! तेजतर्रार त्वरित निर्णय क्षमता और लोकप्रियता ने महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार पटेल एवं आयरन लेडी इंदिरा गांधी को विश्व के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार कराया! इंदिरा गांधी ने अपने शासन काल में अनेक जटिल समस्याओं का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान किया !जो आज भी प्रासंगिक है !इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश लाकर किया ताकि देश की 70% पूजी को सुरक्षित किया जाए जोकि निजी बैंकों के पास थी! 1970- 71 में संविधान के 24 वें संशोधन के अंतर्गत देसी राजा राजाओं के अधिकारों में कटौती करते हुए प्रिवीपर्स को समाप्त करते हुए भारत के देसी रियासतों के षड्यंत्र को समाप्त कर दिया ! भारत के प्रत्येक राजा महाराजाओं को अपनी रियासत एकीकरण करने के एवज में उन्हें सालाना राजस्व की 8.5 प्रतिशत राशि भारत सरकार को देसी रियासतों के राजा महाराजाओं एवं नवाबों को देना अनिवार्य था यह समझौता सरदार पटेल द्वारा देसी रियासतों के एकीकरण के समय हुआ था! संविधान के 24 वें संशोधन के साथ ही देसी राजाओं के प्रशासन में दखल को समाप्त कर दिया गया ताकि लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं अखंड भारत जिसकी आधारशिला स्वतंत्र भारत में महान स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने रखी थी इंदिरा गांधी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनके नीतियों को जमीनी सतह पर लाने का हर संभव प्रयास किया! जिसकी कीमत उन्हें अपने प्राणों की आहुति देकर चुकानी पड़ी! इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर नीरज गुप्ता ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,नवीदूं चतुर्वेदी ने कहा कि बेतिया पश्चिम चंपारण में महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार पटेल एवं आयरन लेडी इंदिरा गांधी के सम्मान में देश के पहले भोजपुरी विश्वविद्यालय एवं इसरो की एक शाखा सरकार द्वारा स्थापित की जाए ताकि बेतिया पश्चिम चंपारण के युवा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में आगे आकर राष्ट्र को प्रगति की ओर अग्रसर करें! यही होगी इन महान आत्माओं के प्रति सरकार द्वारा सच्ची श्रद्धांजलि।