इमाम हुसैन एवं कर्बला के शहीदों का बलिदान देता है विश्व शांति ,सत्य, अहिंसा, सामाजिक सौहार्द एवं सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संदेश!”
वहीं आज दिनांक 20 अक्टूबर को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में चेहल्लुम के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया !जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया! इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता )ने कहा कि हजरत हुसैन एवं कर्बला के शहीदों के सम्मान में हजरत हुसैन एवं उनके साथियों की शहादत के 40 दिन बाद चेहल्लुम का आयोजन किया गया था ! हजरत हुसैन एवं के साथियों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष दसवीं मोहर्रम के 40 दिन बाद श्रद्धांजलि के लिए चेहल्लुम का आयोजन किया जाता है! विश्व में अलग-अलग समय में कई शांति दूत एवं शांति अहिंसा के प्रचारक देखे गए हैं! भारत का इतिहास ऐसे महान शांति दूतों से भरा पड़ा हुआ है! इसमें महात्मा गांधी का नाम भी महत्वपूर्ण है! महात्मा गांधी ने सत्य ,अहिंसा की प्रेरणा इमाम हुसैन की कर्बला की शहादत से ली थी! इतिहास में निर्दोषों के नरसंहार के उदाहरणों में कर्बला की जंग एक ऐसी घटना है जो रहती दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलती है! कर्बला की घटना हमें प्रेरणा देती है कि जालिम कौन होता है और मजलूम कौन!? सत्य के लिए अपनी जान की क्यों ना कुर्बान करनी पड़े! कर्बला का यही संदेश है कि जो हमें अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की राह दिखाता है! हजरत हुसैन की शहादत के बाद हजरत इमाम हुसैन की बहन हजरत जेनब ने कर्बला के बाद इंसानियत के संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाने का जो कारनामा अंजाम दिया उससे आज भी असत्य के दरबार कांप जाते! इमाम हुसैन के बीमार बेटे जैनुल आबेदीन को साथ लेकर जिस तरह से हजरत हुसैन की बहन हजरत जेनब ने सत्य सत्य एवं अहिंसा की जंग लड़ी आज के समाज की बेटियों की अहमियत को बुलंद करने के लिए काफी है! हजरत जेनब में सत्य एवं अहिंसा के माध्यम से यजीद की सत्ता को जिस तरह से हिला दिया! कर्बला की घटना यह हमें बताता है कि सत्य एवं अहिंसा को कभी खत्म नहीं किया जा सकता और मानवता का संदेश वाला हमेशा जिंदा है! महात्मा गांधी से लेकर लियो टॉलस्टॉय एवं मार्क्स ट्रवेन जैसे महान कृतियों ने कर्बला की जंग से प्रेरित होकर अपने जीवन दर्शन को बदला !भारत की अंतराष्ट्रीय नीति में इंसानियत साफ नजर आती है !यह वही शांति की चाह है जिसके लिए महात्मा गांधी ने सत्य एवं अहिंसा का रास्ता चुना एवं जिसकी राह उन्हें इमाम हुसैन की कर्बला की सहादत ने दिखाई थी !आज कर्बला के शहीदों को याद करते हुए हमें यह एहसास होता है कि आज पूरे विश्व को इस संदेश की सख्त जरूरत है! विशेष रुप से दक्षिण एशिया में ! दुनिया में विश्व शांति ,सामाजिक सौहार्द, सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संकल्प के लिए एवं उसे क्रियान्वित कराने के लिए हमें मिलजुल कर काम करने की आवश्यकता है ! हिंसा , अन्याय को रोकने के लिए हम सबको कर्बला की शहादत की प्रेरणा की अत्यधिक जरूरत है !जिससे समाज में सुख ,शांति ,समृद्धि एवं विकास आ सके! यही होगी यही होगी हजरत इमाम हुसैन, कर्बला के शहीदों ,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि!