बगहा(प.चं.) :: इस बार खग्रास सूर्यग्रहण पड़ रहा है, 26 दिसंबर को प्रात: 8 बजे से ग्रहण काल शुरू हो जाएगा :: रिपुसूदन

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया(प.चं.), बिहार। 26 दिसंबर को प्रात: 8 बजे से ग्रहण काल शुरू होकर प्रात: 10:48 बजे तक रहेगा, दक्षिण भारत में इस ग्रहण को अच्छे से देखा जा सकता है। यह सूर्य ग्रहण भारत, श्रीलंका, सऊदी अरब, सुमात्रा, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और बोर्नियो में दिखाई देगा। ऊटी, कोयंबटूर, शिवगंगा, तिरुचिरापल्ली, अल होफुफ और सिंगापुर के कुछ प्रसिद्ध शहरों में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। वहीं मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कन्याकुमारी, रियाद, दोहा, अबू धाबी, मस्कट, कुवैत सिटी, कराची, कुआलालंपुर, जकार्ता और भारत के कुछ प्रसिद्ध शहरों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा


ज्योतिषाचार्य पंडित रिपुसूदन द्विवेदी के अनुसार
यह पूर्ण ग्रहण नहीं, बल्कि वलयाकार सूर्य ग्रहण है...
26 दिसंबर गुरुवार को होने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा, क्योंकि आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य का 97% भाग ढकेगी। इस सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 3.30 घंटे की रहेगी। भारत में सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 बजे मुंबई, ठाणे और अन्य कुछ शहरों में शुरू होगा। ग्रहण के समाप्त होने का समय अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होगा। उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में सुबह 10.57 बजे ग्रहण की समाप्ति हो जायेगी, लेकिन चेन्नई सहित दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में 11.19 बजे तक ग्रहण दिखाई दे सकता है, वहीं कोलकाता में सुबह 11.32 बजे तक ग्रहण दिखाई पडेगा।
ज्योतिष के मुताबिक लगभग तीन सदी के बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जिसका अशुभ से ज्यादा शुभ असर देखने को मिल सकता है। जहां-जहां भी ये ग्रहण दिखाई देगा, वहां-वहां आर्थिक और राजनीतिक रूप से बेहतर स्थितियां बनेंगी। मौसम अच्छा रहेगा। ये बहुत विचित्र संयोग भी है कि लगभग 300 साल के अंतर में ऐसा ग्रहण हो रहा है जिसके प्रभाव में सभी 9 ग्रह होंगे। इनमें से 7 ग्रह सीधे सूर्य के संपर्क में हैं।
खान-पान, शोर, शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि कार्य ग्रहण काल में निषेध होते हैं। लेकिन आप अपने गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सूंदर कांड का पाठ कर सकते हैं। ग्रहण की समाप्ति के बाद पवित्र नदियों में स्नान, शुद्धिकरण करके दान जरूर करना चाहिए। इस समय में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नही निकलना चाहिए। ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैै।
साल 2019 खत्म होने के है और इस साल के आखिरी महीने में सूर्य को ग्रहण लगने जा रहा है। विज्ञान अनुसार ये वलयकार सूर्य ग्रहण होगा जो 26 दिसंबर को लगने वाला है। ग्रहण से पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। जिस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं और शुभ कार्यों को करने की मनाही हो जाती है। क्योंकि इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में भी देखा जा सकेगा। इसलिए इसका असर सभी राशियों पर पड़ने वाला है। जानिए किन राशि वालों के लिए ये ग्रहण शुभ और किनके लिए अशुभ फल देने वाला है। सनातन धर्म में ग्रहण सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही अशुभ माना गया है। क्योंकि ये राहु केतु के प्रभाव से लगता है। इसलिए ग्रहण के दौरान भोजन करने की सख्‍त मनाही है। स्‍कंद पुराण के अनुसार, यदि ग्रहण के समय किसी दूसरे व्‍यक्ति का भोजन किया जाता है तो मनुष्‍य के सारे पुण्‍य नष्‍ट हो जाते हैं।