बेतिया(प.चं.) :: बाल श्रम व मजदूरी से बच्चों को शिक्षित कर जीवनदान दे : श्रम अधिकारी

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया(प.चं.), बिहार। आज की इस दौर में बच्चों को शिक्षित करना एवं बाल श्रम तथा मजदूरी से बचाया जा सकता है, स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को माता-पिता से बात करके उन्हें स्कूल से जोड़ा जा सकता है। उक्त बातें, बाल सुरक्षा अधिकारी राजीव कुमार ने कार्यशाला के दौरान कही ,वह मानव व्यापार निषेध प्रयोजना २ जिला स्तरीय समागम में बोल रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि, बाल सुरक्षा अधिकारी, राजीव कुमार, सीडब्ल्यूसी प्रतिनिधि सोनू पांडे, संस्था के निदेशक फादर हेनरी फर्नांडो ,द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।


इस दौरान सीडब्ल्यूसी प्रतिनिधि सोनू पांडे ने कहा कि परियोजना कर्मी शिक्षा से दूर गरीब बच्चों को ढूंढकर स्कूल तक पहुंचाकर नामांकन कराती हैं, माता-पिता व शिक्षक के साथ बैठक कर विद्यालय नहीं जाना जाने वाले बच्चों के बारे में चर्चा की जाती है, साथ ही कम उम्र में होने वाली शादी से होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की जाती है ,अभिभावकों को मानवता, मानव तस्करी के नुकसान व ठेकेदारों के पहचान कर प्रशासन से अवगत कराया जाता है ,संस्था के निदेशक ने बताया कि यह परियोजना विद्यालय शिक्षा समिति, सरकारी कर्मचारियों से मिलकर लाभार्थियों का योजना का लाभ दिलाती है, कार्यक्रम में, धीरज पाल आदित्य कुमार अमित विक्टर सुमित विक्टर सिस्टर मौलर उपस्थित थे।
बच्चों को बाल श्रम एवं मजदूरी करने से बचाने के लिए बच्चों को शिक्षा देना अनिवार्य बताया गया है सरकार के द्वारा भी बच्चों को शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम चलाया जा रहे हैं जिसमें सरकार ने सरकारी स्कूलों में हर तरह की सुविधा प्रदान की है जिससे बच्चों की शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सके इसके बावजूद भी अगर बच्चा शिक्षा से नहीं जुड़ता है तो इसमें माता-पिता की भी कमी नजर आती है माता-पिता को भी चाहिए कि अपने बच्चों को विद्यालय से जोड़ने में सहयोग करें ताकि बच्चा पढ़ लिखकर अच्छा आदमी बन सके, समाज में फैली बुराइयों से उस को बचाया जा सके बाल श्रम बाल मजदूरी एक कानूनी अपराध है इसमें पकड़े जाने पर जो लोग बाल श्रम बाल मजदूरी अपने कारखानों में, दुकानों में ,होटलों में ढाबों में, कराते हैं ,वह कानूनी दायरे में आकर बुरी तरह फंस सकते हैं।