पटना :: सरकार के 32 करोड़ डकारने वाले 23 मिल संचालकों पर कसा शिकंजा, होंगे गिरफ्तार

विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, बिहार, पटना। सरकार के 32 करोड़ से अधिक रुपये डकारने वाले जिले के 23 मिलरों पर शिकंजा कसा गया है। इन सभी मिल मिल मालिकों के खिलाफ चल रहे केस में इनकी जमानत रद करते हुए अविलंब गिरफ्तारी का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर ये राशि जमा नहीं करते हैं तो स्वत: जमानत रद समझी जाएगी। इसको लेकर बिहार राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक ने डीजीपी, डीएम, एसएसपी से पत्राचार किया है। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का शीघ्र अनुपालन कराने को लिखा गया है।


बता दें कि ये वैसे मिलर हैं जिन्हें साल 2012-13 और 2013-14 में धान दिया गया था। इसके एवज इन्हें सरकार को चावल देना था लेकिन मिलरों द्वारा सरकार को चावल नहीं दिया गया और करोड़ों रुपये लेकर सभी मिलर बैठ गए। इस मामले में जिले के विभिन्न थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जांच दर जांच साक्ष्य संकलन किया गया। लेकिन जांच में पूरी नहीं होने के कारण न्यायालय से जमानत लेकर ये सभी बचते रहे लेकिन मामला जब सर्वोच्च न्यायालय के पास गया तो सभी आरोपितों की जमानत रद कर गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में विभाग की भी लापरवाही सामने आई है। इसके तहत बिहार राज्य खाद्य निगम के महाप्रबंधक के पत्र के आलोक में आरोपित अफसरों पर भी कार्रवाई की कवायद तेज कर दी गई है। जिसमें बैंक गारंटी नहीं लेने के आरोप में जिले में तैनात तत्कालीन एसएफसी के जिला प्रबंधक मनोज कुमार, त्रिलोकी प्रसाद सिंह, संतोष कुमार तथा तत्कालीन सहायक लेखा पदाधिकारी लाला शत्रुघ्न कुमार सिन्हा के विरुद्ध प्रपत्र 'क' गठित करने की कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।