बेतिया(प.चं.) :: 28 वें दिन भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा

शहाबुद्दीन अहमद, बेतिया(प.चं.), बिहार। एनआरसी, एनपीआर एवं सीएए कानून के विरोध में बेतिया, सर्वोदय मध्य विद्यालय के पास 28 वें दिन भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहा। वहीं इस संविधान बचाव कानून को लेकर सभी धर्म समुदाय के लोगों में महिला, पुरुष सहित बच्चे भी इस अनिश्चितकालीन धरना में शामिल रहे। जहां इस धरना में आए वक्ताओं में परवेज आलम, इस्तियाक अहमद, सुनील कुमार राय आदि ने भारत के प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री सहित बिहार के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा अभी समय है संभल जाओ आज दिल्ली की सत्ता में तीसरी बार प्रचंड जीत का परचम लहरा रही आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने पूर्ण समर्थन करते हुए यह बताया कि संविधान से खेलने वाले लोग को हम चैन से सोने नहीं देंगे।आज दिल्ली की जनता ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता जाग चुकी है एवं संभल चुकी है, आपकी रणनीति समझ चुकी है,अब इन झूठी बातों एवं बरगलाने वाली बातों को बर्दाश्त नहीं करेगी। जब जब संविधान से खेला जाएगा तब तब संविधान से खेलने वालों को मुंह की खानी पड़ेगी। यह संविधान भीमराव अंबेडकर की बनाई हुई है जिसे हम बर्बाद होने नहीं देंगे अब भी संभल जाओ और इस कानून को वापस लो वरना देश की जनता देश के हर क्षेत्रों में इस झूठी सरकार को, लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकार को सबक सिखाएगी। अब वह दिन दूर नहीं जब सत्ता की बागडोर ऐसे पुरुष के हाथों होगी जो देश की आर्थिक समस्याओं को समझे वह देश के विकास के बारे में अपनी पहल को आगे बढ़ाएं। आज पूरे देश के वासी सिर्फ यही चाहते हैं कि आर्थिक समस्या शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण समस्या, स्वास्थ्य संबंधी समस्या, गरीबी, देश का विकास इन सभी समस्याओं को देखा जाए और इन समस्याओं पर पहल की जाए। आज महिला सशक्तिकरण भी कदम से कदम मिलाकर देश के विकास, और इन समस्याओं के समाधान के लिए सड़कों पर उतरी हैं इन्हें भी आज अपने परिवार को छोड़कर सड़कों पर उतरने की मजबूरी पर ला खड़ा करना प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री सहित मुख्यमंत्री ने यह कार्य किया है। उनका भी कहना है की जल्द से जल्द इस कानून को वापस ले अन्यथा हमारी यह अनिश्चितकालीन धरना लगातार जारी रहेगी हम यह अधिकार एवं अपनी मांग को लेकर रहेंगे। हम चुप बैठेंगे नहीं हम कदम से कदम मिलाकर इस काले कानून को विरोध प्रदर्शन करेंगे।