शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया, बिहार। लोक आस्था के प्रतीक छठ महापर्व के आयोजन में योगदान व श्रमदान से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस महान पर्व को सहयोग मांग कर भी करने तक की परम्परा है। छठ व्रतियों को पूजा सामग्री देकर या अन्य प्रकार से सहयोग भी परम पुण्य का कार्य है। उक्त बातें नप सभापति गरिमा सिकारिया ने कहीं। वे बुधवार को नगर के नुनीयाटोली, गुरुद्वारा रोड व लाल बाज़ार आदि मुहल्लों की छठ व्रतियों के घर घर जाकर छठ पूजा से सम्बंधित सामग्री व वस्त्र आदि के वितरण के मौके पर छठ महापर्व में सहयोग के महत्व की जानकारी दे रहीं थीं।
उन्होंने कहा कि इस महापर्व को पूरा करने के लिए भिक्षाटन तक स्वीकार किया गया है। समाज से सहयोग लेकर छठ व्रत करना और पुण्य का कार्य माना जाता है। सूर्य उपासना का यह महापर्व के कारण सपने बिहार का विशिष्ट स्थान देश के कोने कोने से लेकर विदेशों तक में है। हम बिहारी जहां कही भी बसे हैं वहां हमारे आस्था का प्रतीक यह महापर्व भी पहुंच गया है। नप सभापति श्रीमती सिकारिया ने कहा कि बिहार से शुरू हुआ शुद्धता, स्वच्छता व अटूट आस्था का यह लोक पर्व अब राष्ट्रीय स्तर का पर्व बन गया है। मौके पर सुमन सिकारिया, नवेन्दु चतुर्वेदी, पूजा सिकारिया, अविनाश कुमार, प्रीति सिकारिया आदि लोग सेवा सहयोग में लगे रहे।