कुशीनगर :: नगर पालिका परिषद पडरौना का विस्तार राजनीतिक स्वार्थ के कारण अबतक रुका रहा, अब हाई कोर्ट के फटकार के बाद विस्तार तय

आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, कुशीनगर केसरी, पडरौना, कुशीनगर। नगर पालिका परिषद पडरौना का विस्तार राजनीतिक स्वार्थ के कारण अबतक रुका रहा। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या 34463/2017 एवं अवमानना वाद संख्या 4758/2017 में नगर विकास विभाग उ.प्र सरकार को दिए गए आदेशों के अंतर्गत चल रहे नगरपालिका परिषद पडरौना के सीमा विस्तार प्रकरण में अबतक अंतिम अधिसूचना जारी करने में विफल रहने पर प्रमुख सचिव नगर विकास उ.प्र. सरकार, मंडलायुक्त गोरखपुर एवं जिलाधिकारी कुशीनगर को आगामी दिनांक 21 नवंबर 2019 के पूर्व अंतिम अधिसूचना जारी न करने की दशा में व्यक्तिगत रूप से माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। उक्त इस याचिका के अधिवक्ता श्री विकास श्रीवास्तव जी हैं।
मा० उच्च न्यायालय में पडरौना नगर सीमा विस्तार की याचिका की पैरवी बहुजन समाज पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शाहिद लारी एवं उनके सहयोगी एवं मित्र पूर्व सभासद प्रमोद श्रीवास्तव तथा भाजपा नेता गिरीश चंद्र चतुर्वेदी कर रहे हैं। शाहिद लारी ने कहा कि वह पडरौना नगरपालिका सीमा विस्तार के लिए वर्ष 2007 से ही लगातार जिलाधिकारी के माध्यम कई बार पत्रावली भेज कर प्रदेश सरकार से सीमा विस्तार की मांग करते रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पडरौना नगरपालिका का गठन 01 अक्टूबर 1950 में किया गया था, उससे पहले ब्रिटिश सरकार में भी पडरौना नगर पंचायत के रूप में विराजमान था। उल्लेखनीय है कि कुशीनगर और हाटा नगर पालिका का सीमा विस्तार हो गया है लेकिन कुशीनगर जिले की सबसे पुरानी पडरौना नगर पालिका सीमा विस्तार के प्रस्ताव को 70 साल से उन लोगो ने राजनीतिक दबाव और धनबल के सहारे रोके रखा है जो लोग 1950 से लगातार अब तक नगर पालिका पर राज करते आए हैं।
सीमा विस्तार को रोकने से पडरौना शहर का विकास बहुत प्रभावित हुआ है। सीमा विस्तार के लिए बार बार प्रयास किये जाने के बावजूद जब उप्र सरकार से न्याय नही मिला तो मजबूर हो कर मुझे 10 अगस्त 2017 को मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद के शरण मे जाना पड़ा।
उक्त प्रकरण में दिनांक 02 जुलाई 2019 को योजित अवमानना वाद संख्या 3059/2019 में मा० उच्च न्यायालय के समक्ष प्रमुख सचिव नगर विकास श्री मनोज कुमार सिंह ने लिखित शपथपत्र के माध्यम से मा० उच्च न्यायालय को अवगत कराया था कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता के कारण पडरौना नगर सीमा विस्तार की प्रक्रिया रुक गई थी।