कुशीनगर :: सरकारी डाक्टर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत

मनोज पांडेय, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। जिला अस्पताल में तैनात चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर सतीश सिंह जिनका कसया में अपना निजी चिकित्सालय है सोमवार को प्रातः एक 6 वर्ष के बच्चे के मौत हो जाने के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया। परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक के द्वारा इलाज करने में लापरवाही बरतने से बच्चे की मौत हुई है।


बता दें कि देवरिया जनपद के ग्राम बसडीला जादू धारी ग्राम के निवासी वीरेंद्र चौहान अपने 6 माह के बेटे जिग्नेश को चिकित्सक द्वारा पर्ची बनाकर बच्चे का इलाज कार्य शुरू किया गया। परिजनों के ग्राम के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विशाल कुमार गोंड का कहना था कि जैसे ही चिकित्सक द्वारा लिखे गए इन्जेक्शन बच्चे को लगाया गया कुछ ही समय के बाद बच्चे का शरीर पीला और देखते ही देखते बच्चे के नाक मुंह और प्राइवेट पार्ट से ब्लड निकलना शुरू हो गया। इस स्थिति को देखकर मौके मौजूद कंपाउंडर फरार हो गया। बच्चे की मौत होने के बाद परिजनों ने चिकित्सक से पर्ची मांगा तो उसने बीते 20 अक्टूबर की किसी अन्य बच्चे के नाम की पर्ची परिजनों को थमा दिया। क्लीनिक पर लगे सीसीटीवी कैमरे को खोलने की जब बात की गई तो उन्होंने इनकार कर दिया। इस घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची थाने की पुलिस ने मामले की नजाकत को देखते हुए चिकित्सक को थाने लाई। उधर पुलिस ने परिजनों की पूरी बात को सुनते हुए सीएचसी पहुंची जहां वहां के चिकित्सकों से बच्चे को मृत घोषित करने का प्रमाण अथवा रिपोर्ट देने की मांग की जहां के चिकित्सकों ने इंकार कर दिया। उनका यह कहना था कि जिस अस्पताल में घटना हुई है वहां के चिकित्सक को मृत्यु प्रमाण पत्र देना होता है। इस मामले को लेकर काफी विवाद चलता रहा बच्चे के पिता का कहना था कि चिकित्सक द्वारा लापरवाही बरती गई जिसके वजह से मेरे 6 माह के पुत्र की मौत हो गई। थानाध्यक्ष ने बताया कि शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है रिपोर्ट मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी यह। बताते चलें कि उक्त चिकित्सक का सरकारी चिकित्सक होने के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस करने पर आरोप भी लगे थे।