• चार चरणों में चलेगा टीकाकरण अभियान • चिन्हित प्रखंडों में लाभार्थियों का होगा हेड काउंट सर्वे • 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य।
विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, पटना, बिहार। सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान को लेकर दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी शहरी एएनएम को ट्रेनिंग दिया गया। अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. वीके चौधरी ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष का प्रथम चरण शुरू हो रहा है। इसी को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर ने बताया कि शून्य से लेकर दो वर्ष तक का बच्चा नहीं छूटना चाहिए। वहीं गर्भवती महिलाएं भी बिना टीकाकरण के वंचित न रह जाए।
उन्होंने कहा कि जिस गांव में एएनएम तैनात नहीं है। उस गांव को प्रमुखता के साथ लिया जाए। वहीं जो भी बच्चा टीकाकरण से छूट गया है। उस बच्चे को भी प्रमुखता से इसमें शामिल किया जाए। स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए कि आशा व एएनएम से घर-घर जाकर बच्चों व गर्भवती को चिन्हित करें। इसके साथ ही जो फार्म दिया गया है उसकों भी भरें। जिससें बच्चे की सही जानकारी मिल सके। ऐसे एरिया को चिन्हित करें जहां पर टीकाकरण का प्रतिशत कम हो। इस अवसर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के अलावें डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. रंजितेष कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी समेत सभी एएनएम व अन्य चिकित्सा कर्मी मौजूद थे।
चिन्हित प्रखंडों में लाभार्थियों का होगा हेड काउंट सर्वे :::: अभियान के प्रथम चरण कि शुरुआत होने से पहले हेड काउंट सर्वे एवं इसके बाद ड्यू लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं। इसको लेकर जिले में चिन्हित प्रखंडों में लाभार्थियों का 23 अक्टूबर तक हेड काउंट सर्वे करना होगा। साथ ही 5 नवंबर तक ड्यू लिस्ट भी तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सर्वे में वैसे लाभार्थी जो विगत चार माह से अपने निवास स्थान पर नहीं रह रहे हैं उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा।
चार चरणों में पूरा होगा अभियान ::::: डीआईओ ने बताया कि सघन मिशन इंद्र्धनुष के तहत चार चरणों में नियमित प्रतिरक्षण में छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। प्रथम चरण 2 दिसंबर, दूसरा चरण 2 जनवरी 2020, तीसरा चरण 3 फरवरी 2020 एवं चौथा चरण 2 मार्च 2020 से प्रारम्भ होगा।
सामूहिक सहभागिता पर बल :::: अभियान के कुशल क्रियान्वयन के लिए कार्यों का अनुश्रवण एएनएम एवं आशा फैसीलिटेटर द्वारा किया जाएगा। साथ ही अभियान के दौरान अन्य सहयोगी संस्था जैसे केयर इंडिया एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी सहयोग किया जाएगा।
2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य :::: सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत दो वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिन्हें टीकाकरण कार्यक्रम के तहत यह सुविधा नहीं प्राप्त हुई है। मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत वर्ष 2020 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के तहत नियमित प्रतिरक्षण से वंचित 2 साल तक के बच्चों एवं गर्भवती माताओं को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य है। इसके लिए शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और उप-केंद्रों में ऐसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां टीकाकरण या तो नहीं हुआ है या उसका प्रतिशत बहुत कम है।