बेतिया(प.चं.) :: बच्चों के यौन शोषण के मामले के निपटारे हेतु पोक्सो कोर्ट का होगा स्थापना :: मुख्य सचिव

शहाबुद्दीन अहमद, कुुशीनगर केसरी, बेतिया पश्चिम चंपारण, बिहार। जिला में अब बच्चों के यौन शोषण के मामले के निपटारे हेतु पोक्सो न्यायालय की स्थापना होने के प्रबल संभावना बन रही है, मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पर सहमति बन चुकी है ,जिलों में पोक्सो एक्ट से संबंधित मामलों की संख्या एक सौ से अधिक है, वहां इस कोर्ट की स्थापना प्राथमिकता के आधार पर होगी।
समाज कल्याण विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले में 100 से अधिक मामला होने पर यहां पॉक्सो कोर्ट की स्थापना के संभावना बन रही है।
इस कोर्ट की स्थापना नहीं होने से एडीजे वन के कोर्ट में इस तरह के मामले की सुनवाई होती है ।एडीजे१के कोर्ट को जुड़े मामलों के अतिरिक्त अन्य मामलों को भी सुनना पड़ता है ,ऐसे में पोक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई की गति अपेक्षाकृत धीमी रहती है। इस कोर्ट की स्थापना, यौन अपराध से बच्चों को संरक्षित करने के संबंधित अधिनियम है। इसे प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफिस एक्ट कहा जाता है, यह एक्ट 2012 में बना था ,इस एक्ट में यह प्रावधान है कि 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा मिलेगी ,इस आशय के प्रधान को अप्रैल 2018 में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है।
इस कोर्ट की स्थापना की मंजूरी मिल जाने के बाद इसकी आधारभूत संरचना की व्यवस्था की जाएगी ,अनुमति मिलने के बाद गृह विभाग को इन अदालतों के लिए अलग से आधारभूत संरचना की व्यवस्था करनी होगी। पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के लिए बनी कोर्ट एक्सक्लूसिव कोट होंगे।