शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया प.चं., बिहार। तिलकामांझी विश्वविद्यालय के गांधी विचार विभाग द्वारा प्रस्तावित 42 वें तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन जो 18 नवंबर 2019से 20 नवंबर 2019 तक प्रस्तावित है! तिलकामांझी विश्वविद्यालय के गांधी विचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ0 विजय कुमार ने अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद को आमंत्रण पत्र भेजा है! 18 नवंबर 2019 से 20 नवंबर 2019 आरंभ होने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश दुनिया से विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभागाध्यक्ष, गांधीवादी विचारक एवं चिंतक सम्मिलित होंगे! इस ऐतिहासिक अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव डॉ एजाज अहमद द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपना शोध आलेख प्रस्तुत करेंगे !
गौरतलब है कि बेतिया पश्चिम चंपारण से डॉ एजाज अहमद, बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी शाहनवाज अली एवं स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर नीरज गुप्ता इस राष्ट्रीय समारोह में बेतिया पश्चिम चंपारण से सम्मिलित होंगे! इस ऐतिहासिक अवसर पर ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 16 जुलाई 1917 को एवं ऐतिहासिक राज इंटर कॉलेज जहां 17 जुलाई 1917 को 10,000 से ज्यादा किसानों ने चंपारण जांच कमेटी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था का दुर्लभ 100 वर्ष पुराना तेल चित्र गांधी विचार विभाग तिलकामांझी विश्वविद्यालय को भेंट किया जाएगा !साथ ही नील का जीवित पौधा नई पीढ़ी एवं देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए विभागाध्यक्षों एवं शोधार्थियों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा! इस ऐतिहासिक अवसर पर स्वच्छता ,महिला शिक्षा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी 150 वी जन्म शताब्दी पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा चंपारण सत्याग्रह के समय शुरू किए गए स्वच्छता एवं नारी शिक्षा पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला जाएगा! कस्तूरबा गांधी द्वारा 14 नवंबर एवं 20 नवंबर 1917 को चंपारण में आरंभ किए गए बुनियादी विद्यालयों पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाले जाएंगे! इस अवसर पर एजाज अहमद ने कहा कि चंपारण में बेतिया के नरकटियागंज में जब राष्ट्रकवि दिनकर 1938 के करीब अपना पदभार संभाला तो उन्होंने चंपारण की फिजाओं में सत्य अहिंसा एवं आपसी प्रेम को महसूस किया! चंपारण की फिजाओं में बापू को महसूस करते हुए राष्ट्रकवि दिनकर ने 1964 में जब तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के कुलपति बने तो गांधी विचार विभाग की स्थापना करने का विचार किया !1977 में तत्कालीन दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर सह पूर्व सांसद डॉ राम जी सिंह ने अथक प्रयासों से यूजीसी से गांधी विचार विभाग की स्वीकृति हासिल की! 2 अक्टूबर 1980 ई0 को तत्कालीन कुलपति एम.के.यू तोहिद ने गांधी विचार विभाग भागलपुर विश्वविद्यालय की स्थापना की! आज हमारे लिए बहुत ही गौरव की बात है कि गांधी विचार विभाग तिलकामांझी विश्वविद्यालय के 42 वें स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हो रहा है! गांधी विचार विभाग देश का पहला गांधी विचार विभाग था जहां गांधी विचार की पढ़ाई आरंभ की गई थी! गांधी विचार विभाग तिलकामांझी विश्वविद्यालय के छात्र आज दिल्ली स्थित राजघाट, गांधी संग्रहालय वर्धा विश्वविद्यालय ,महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतिहारी समेत देश दुनिया भर में कार्यरत हैं!