बेतिया (प.चं.) ::मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की 11वीं शहादत दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा दी गई श्रद्धांजलि

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया, बिहार। महान स्वतंत्रता सेनानी शौकत अली की 81 वी पुण्यतिथि एवं मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की 11वीं शहादत दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।


बताते चलें कि सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में महान स्वतंत्रता सेनानी शौकत अली 81की पुण्यतिथि एवं मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की शहादत की 11वीं शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया! इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया! इस अवसर पर पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने महान स्वतंत्रता सेनानी शौकत अली एवं मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों के सम्मान में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महान स्वतंत्रता सेनानी शौकत अली एवं मुंबई आतंकी हमले पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला! इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद (अधिवक्ता) ने कहा कि आज ही के दिन आज से 81 वर्ष पूर्व 26 नवंबर 1938 को महान स्वतंत्रता सेनानी शौकत अली का निधन हुआ था! भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में महान स्वतंत्रता सेनानी शौकत अली का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में अतुल्य योगदान रहा है !जिसे भुलाया नहीं जा सकता !शौकत अली का बिहार से गहरा लगाव था! विभिन्न अवसरों पर महात्मा गांधी के साथ बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा किया था! इस अवसर पर श्री एजाज अहमद ने कहा कि आज ही के दिन 26 नवंबर 2008 ई0 को मुंबई आतंकी हमले में अनेक लोग मारे गए थे !हमारे सैनिकों एवं सुरक्षाकर्मियों ने दुश्मन के षड्यंत्र को विफल करते हुए अपने प्राणों की आहुति देते हुए अमर हो गए !आज पूरे राष्ट्र को उन वीर सैनिकों एवं सुरक्षाकर्मियों पर नाज है! आज सारा राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन करता है !इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी शाहनवाज अली एवं स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर नीरज गुप्ता ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों एवं वीर सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता! नई पीढ़ी को इन वीर सैनिकों एवं स्वतंत्र सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए अपने जीवन में उनकी जीवन दर्शन को उतारने की आवश्यकता है ताकि भारत एक विकसित राष्ट्र बन सके!