बेतिया(प.चं.) :: विद्यालय निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों से धनादोहन, डीपीओ स्थापना पर इल्जाम, शिक्षकों में रोष व्याप्त

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया, बिहार। स्थानीय जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थापित डीपीओ स्थापना भगवान ठाकुर पर शिक्षकों ने यह इलजाम लगाया है कि निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों का धनादोहन कर रहे हैं। शिक्षक को ड्यूटी पर रहते हुए भी उनको अनुपस्थित करार दिया जा रहा है और उनसे धनादोहन की स्थिति बना रहे हैं।
डीपीओ स्थापना भगवान ठाकुर ने शिक्षक को बिना सूचना गायब करार दिया है। जबकि शिक्षक जिला पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी के आदेश पर पैक्स चुनाव प्रशिक्षण में गए थे। शिक्षक की उपस्थिति पंजी पर चुनाव प्रशिक्षण ड्यूटी लिखा हुआ था। शिक्षक राजीव रंजन प्रभाकर पर बिना सूचना अनुपस्थित रहने का टिप्पणी लिख दी। शिक्षक ने डीपीओ पर शिक्षकों से गाली-गलौज कर चार माह के वेतन रोकने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है।


शिक्षक राजीव रंजन प्रभाकर को जिला निर्वाचि पदाधिकारी- सह- जिला पदाधिकारी से पैक्स चुनाव के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। डीपीओ की इस कार्यशैली से शिक्षक समाज में रोष व्याप्त है। कई शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर डीपीओ के निरीक्षण को अभियान वसूली अभियान करार दिया है। डीपीओ स्थापना भगवान ठाकुर, निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों का धनादोहन कर रहे हैं। इससे शिक्षा विभाग कलंकित हो रहा है तथा शिक्षकों के मनोबल को तोड़ने का काम किया जा रहा है। अगर ऐसा ही होता रहा तो शिक्षक किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकेंगे। डीपीओ स्थापना भगवान ठाकुर ने किस परिस्थिति में शिक्षक को अनुपस्थित करार दिया जबके शिक्षक ड्यूटी पर तैनात थे और पैक्स चुनाव के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रतिनियुक्त थे, क्या इसकी जानकारी डीपीओ स्थापना को नहीं थी, क्या शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इतने नासमझ और लापरवाह हैं कि उनको शिक्षकों के ड्यूटी के बारे में जानकारी नहीं रहती है तो फिर किस प्रकार के शिक्षा पदाधिकारी का रूप में कार्य कर रहे हैं, यह विभाग के नियम के अनुकूल नहीं है, निरीक्षण के नाम पर विद्यालय के शिक्षकों का धनादोहन करना सरासर मानवाधिकार का हनन है।