छपरा :: अब आंगनवाडी कार्यकर्ता को स्वास्थ गतिविधियों को छोड़ कोई और कार्य नहीं सौंपा जाएगा

• सेवाओं पर पड़ रहा प्रतिकूल असर • पोषण अभियान के लक्ष्य हासिल करने पर ज़ोर • 25 दिन आंगनबाड़ी केंद्र खुला रहना जरुरी।विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, बिहार, छपरा। अब आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को स्वास्थ से सम्बंधित गतिविधियों के अलावा कोई और कार्य नहीं सौंपा जाएगा। केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया है। जिसमे कहा गया है कि आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को केवल आंगनवाडी केन्द्रों में दी जा रही सेवाओं, पोषण अभियान, युवाओं के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं, प्रधान मंत्री, मात्र वंदना योजना एवं महिलाओं और किशोरियों से जुड़े कार्यों के लिए ही कार्य करना चाहिए।  रबिन्द्र पंवर , सचिव, महिला एवं बल विकास मंत्रालय ने प्रमुख सचिवों से कहा है उनकी जानकारी में यह बात आई है कि आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की सेवाएं राज्य और जिला शासन चुनाव और सर्वेक्षण कार्यों के लिए भी लेते हैं जिसके कारण आंगनवाडी केन्द्रों को इस दौरान बंद रखना पड़ता है। आंगनवाडी केन्द्रों में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के न होने से किशोरियों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को दी जाने वाली सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ता  है। श्री पंवर  ने प्रमुख सचिवों को निर्देशित किया है कि वह सुनिश्चित करें कि आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को स्वस्थ-सेवाएं प्रदान करने के अलावा कोई और कार्य करने को न कहें। 


केंद्र और राज्य की सरकारें स्वास्थ और पोषण के सूचकांकों को को बेहतर करने के लिए प्रतिबंधित है जिसके लिए पोषण अभियान द्वारा कुपोषण, बौनापन, कम वज़न और खून की कमी जैसे स्वास्थ समस्याओं को ख़त्म करने का प्रयत्न किया जा रहा है। यह सेवाएं आंगनवाडी केन्द्रों से ही दी जाती हैं और जब आंगनवाडी केंद्र बंद रहते हैं या वहां कार्यकर्ता नहीं होते हैं तो यह सेवाएं प्रभावित होती हैं जिसकी वजह से बच्चों, किशोरों और महिलाओं में पोषण का स्तर नहीं बढ़ पायेगा और पोषण अभियान के लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पायेगें।
आंगनवाडी कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ सेवाओं की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं जो मुख रूप से स्वास्थ सेवाएं लोगों तक, मुखतः गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं और बच्चों, तक पहुंचाती हैं। इसके साथ ही पोषण अभियान का भी वह महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और लोगों को स्वास्थ के बारे में जानकारी देना भी उनके कार्य क्षेत्र में आता है| आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं को पूरक भोजन भी दिया जाता है. इसलिए हर आंगनवाडी केंद्र माह में कम से कम २५ दिन खुला रहना चाहिए।