बताते चलें कि उक्त मदरसे में एक इंटर ट्रेन्ड और एक मौलवी की पद खाली थी। जिसकी बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया था। उसके बाद दोनों पदों के लिए आवेदन आना शुरू हो गया। फिर 17 नवम्बर 2019 को इंटरव्यू हुआ। जिसमें परीक्षार्थी शामिल हुए। पहले लिखित परीक्षा हुई फिर मौखिक हुई है।उसके बाद कल हो कर रिजल्ट पूछने के लिए कमिटी के चारों मेम्बर गए तो टाल मटोल किया गया। उसके बाद एक कंडीडेट द्वारा मालूम चला कि इंटर ट्रेंड के पद पर मदरसा के सचिव जावेद अख्तर के बेटे की बहाली की गई और दूसरी मौलवी की बहाली अपने ही चहेते की गई है। जिससे कमिटी के चारों मेम्बर सन्तुष्ट नहीं हैं। उनलोगों ने मदरसा बोर्ड अध्यक्ष से आवेदन देकर यह मांग किया है कि इस फर्जी बहाली को रद्द कर अपने स्तर से नए सिरे से बहाली की जाए।इस गलत बहाली पर निम्नलिखित सवाल खड़े होते हैं। अब सवाल यह है कि :::::…. क्या मदरसे की कमेटी जिसे चाहे बहाल कर सकती है?
क्या इसको खोजने वाला कोई नहीं
क्या बच्चों का भविष्य किसी के भी हाथ मे दिया जा सकता है?
क्या मदरसे के शिक्षक या कमिटी के लोग अपने ही रिस्तेदारों की बहाली करेंगे? क्या है नियम :::::….
मदरसे के शिक्षक की बहाली कमिटी द्वारा इंटरव्यू करा कर की जाती है।
मदरसे की कमेटी अपने स्तर से स्पॉट रख कर कराती है इंटरव्यू। जिसमें मदरसे के शिक्षक भी हो सकते हैं।
मदरसे की कमेटी खाली पद की बहाली के लिए मदरसा बोर्ड में आवेदन देती है। उसके बाद अखबार में इंटरव्यू के लिए विज्ञापन निकलता है। उसके बाद लोग आवेदन देते हैं। फिर जिस दिन इंटरव्यू होता है उस दिन इंटरव्यू होता है फिर स्पॉट द्वारा कॉपी जाँच कर रिजल्ट घोषित किया जाता है और पहला स्थान पाने वाले की बहाली की जाती है।
मोतिहारी(पूर्बी चम्पारण) :: मौलवी और इंटर ट्रेन्ड की स्थानीय मदरसा फ्लाहुल मुस्लेमीन में गलत तरिके से की गई बहाली