बगहा(प.चं.) :: बदहाली पर खून के आँसू बहा रहे इस जर्जर मार्ग का असली जिम्मेदार कौन, केवल चुनावी एजेंडों तक ही सीमित रह जाती हैं गड्ढामुक्त सड़कें

विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, बिहार, बगहा। नगरपरिषद बगहा क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड नम्बर 35 के तेलिया टोला रत्नमाला गाँव के मार्ग खून के आँसू बहा रहा है।वह अपनी बदहाली पर रो रहा है इस पूरे मार्ग पर केवल गड्ढ़े ही गड्ढे दिखाई देते हैं जो भी राहगीर एक बार इस मार्ग से गुजर जाता है वह अगली बार कभी सपने में भी इस मार्ग से निकलने की नहीं सोचता है लेकिन हम हाल सुना रहे हैं उन बेचारे लोगों का जो चाहे खुशी से निकलें या मजबूरी में, उनको चाहे मुख्यालय, थाना, विकासखण्ड कहीं भी जाना हो लेकिन इसी मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है।सरकार के मनसा के अनरूप गड्ढे वाली सड़कों में बजड़ी डलवाकर उनको गड्ढा मुक्त किया जा रहा है लेकिन बात तो यहाँ आकर फंस जाती है कि जब पूरी सड़क ही गड्ढा युक्त है तो कैसे किया जाए इसको गड्ढामुक्त, शायद इसीलिए न तो नई सड़क बन पा रही है और न ही गड्ढा मुक्त सड़क बन पा रही है और इसका खामियाजा इस सड़क से जुड़े लोग भुगत रहे हैं।आखिर क्या है इन बेचारे लोगों का कुसूर जो इनको इस स्वतंत्र लोकतंत्र में भी उन सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है जिसकी इन लोगों को बहुत ही सख्त जरूरत है। कैसे रोजाना इस बड़ी समस्या से बच्चे गुजरेंगे।आखिर इनको इतनी बड़ी प्रताड़ना से क्यों गुजरना पड़ रहा है। इनको इस जर्जर सड़क से मजबूर होकर निकलना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि इस खबर का कितना असर होगा और जिम्मेदार अपनी कितनी जिम्मेदारी निभाएंगे। बीते तीन महीने पहले ग्रामीणों ने सभापति महोदया जरीना खातून के निवास स्थान पहुच कर भी शिकायत किया गया था जहाँ मिली अस्वाशन पर लोगो ने बात मानी थी सभापति के द्वारा कहा गया था कि नाली समेत सड़क सौचालय का सीघ्र ही नवम्बर माह के दो हजार उन्नीस में सुरु कर दिया जाएगा वह भी बिफल निकलता नजर आ रहा है आखिर इस वार्ड से इन अधिकारियों को सौतेला ब्यवहार क्यों है इंद्रा आवास में भी खूब कट रही है चांदी इस वार्ड में जिनके अच्छे खासे घर मकान है उनको मिल रहा है इंदिरा आवास जिनकी झोपड़ी है जिनके गुजर बसर तालपत्री के नीचे गुजर रहे है कभी सोचे जनप्रतिनिधि की उनके ऊपर क्या गुजरती होगी जैसे मानो आसमान से पहाड़ टूट पड़ी हो आख़िर क्यों कौन है जिमेदार इतना ही नही मछड़ निरोधक धुवे का भी आज तक इस गाँव मे झलक दिखाने तक भी नही पहुची गाड़ी यह किसकी है मनमर्जी ग्रामीण जनता पूछ रही है जबाब।