बेतिया(प.चं.) :: अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया, बिहार। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संस्थानों में विगत वर्षों के भांति इस वर्ष भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, इस अवसर पर सभी शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संस्थानों में मानव अधिकार दिवस के ऊपर चर्चा की गई। इस अवसर पर वक्ताओं के द्वारा मानव अधिकार क्यों और कैसे तथा मानवाधिकार के हनन पर विस्तृत चर्चा व प्रकाश डाला गया, लोगों के अंदर मानवाधिकार के प्रति सजग रहने तथा जागृति लाने के लिए कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागृत करने का काम किया गया।
इस वर्ष मानव अधिकार दिवस को मनाने के लिए प्रशासन के स्तर से भी कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश निर्गत किया गया था ,इसी आदेश के अंतर्गत शहर के विभिन्न विद्यालयों, सामाजिक संस्थानों में मानवअधिकार दिवस मनाने का प्रबंध किया गया था, इसी क्रम में स्थानीय एमजेके कॉलेज के हॉल में पीयूसीएल के द्वारा भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया , जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थी, इन लोगों के बीच विभिन्न वक्ताओं ने मानव अधिकार पर विशेष रूप से चर्चा की।
इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (भारत) के जिला इकाई में भी इस दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इस संस्था के जिला अध्यक्ष, सरैया शाहब ने इस मौका पर बोलते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के द्वारा सबसे अधिक मानवाधिकार हनन का काम किया जाता है, जिसे रोक लगाने की आवश्यकता है, उन्होंने आगे कहा कि आदमी जब से पैदा होता है और मरने के समय तक मानवाधिकार से घिरा रहता है, जीवन में कोई ऐसा पल नहीं है जहां मानव अधिकार की आवश्यकता नहीं पड़ती है, हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझ ले और अपने कर्तव्य पर काम करता रहे तभी वह मानवाधिकार की खोज कर सकता है, कर्तव्य और अधिकार दोनों का एक पारस्परिक संबंध होता है। मानवाधिकार का हनन होना, सामाजिक तौर पर इसकी भर्तसना करना हम सभी का कर्तव्य बनता है।
इसी क्रम में स्थानीय संपोषित कन्या उच्च विद्यालय, हिंदू अनाथालय एवं अन्य स्थानों पर शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण विद्यालयों में भी मानवाधिकार दिवस मनाने का कार्यक्रम किया गया जिसमें बहुत संख्या में छात्र-छात्राएं आमजन उपस्थित थे तथा इस दिवस के बारे में विस्तृत रूप से लोगों को जानकारी दी गई ताकि आमजन भी मानवाधिकार के प्रति अपने अधिकार को जानने के लिए सचेत रहें।