शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बिहार, बेतिया। जिले में चल रहे प्लस टू विद्यालयों मेंं विषयवार शिक्षकों की कमी रहने के कारण पढ़ाई बाधित हो रही है। सरकार के मानक के अनुसार हर स्कूल में न्यूनतम 14 शिक्षक का होना अनिवार्य बताया गया है। जबकि अभी कई प्लस टू के विद्यालयों में मात्र दो ही शिक्षकों के बल पर विद्यालय चलाए जा रहे हैं जो सरकारी विभागीय नियम के अनुकूल नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार 74 487 विद्यालयों की पढ़ाई की 336 अध्यापक कर रहे हैं, दर्जनों प्रोन्नत शिक्षकों का प्लस टू हाई स्कूल में भी नाम है मगर इसके बावजूद सत्र 2008 -2009 से संचालित हो रहे जिले के 66 प्लस टू स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है, नदी घाटी योजना प्लस टू स्कूल बाल्मीकि नगर ,एनबीएस प्लस टू स्कूल नरई पुर, आरएन प्लस टू स्कूल कहानियां आदि स्कूलों में एकभी शिक्षक- शिक्षिकाओं की तैनाती नहीं हो पाने के कारण यहां हजारों छात्र-छात्राओं काग जी पठन-पाठन जारी है।
इसी क्रम में राम चंद्र लाल जी प्लस टू स्कूल मथुरा जैसे आधे दर्जन से अधिक प्लस टू स्कूलों में मात्र एक से दो ही अध्यापक कार्यरत है ,कुल मिलाकर जिला मुख्यालय के राज इंटर कॉलेज व विपिन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जैसे अपवाद को छोड़कर अन्य किसी भी सरकारी प्लस टू स्कूल में विषयवार तो दूर सरकारी तौर पर निर्धारित न्यूनतम अनिवार्य 14 शिक्षक- शिक्षिकाएं कार्यरत नहीं है, इस आधार पर न्यूनतम 924 के जगह मात्र 366 प्लस टू स्कूलों का संचालन हो रहा है ,जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय सूत्रों के अनुसार ऐसे हैं जो हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बावजूद इनका नाम एक ही स्कूल में एक साथ जा रहा है, जिला शिक्षा अधिकारी गंभीर है ,विद्यार्थियों के अनुपात में अध्यापक कार्यरत नहीं है, लेकिन इसकी पहल की जा रही है ,अध्यापकों का नियोजन प्रक्रिया अधीन है , निकट भविष्य में नए साल में सुधार शुरू हो जाएगा।