कुशीनगर :: बीता वर्ष तुम्हें नहीं भूल पाएंगे ::::.... अपराधियों के हौसले रहे बुलंद, पुलिस करती रहीं गुड वर्क

सुनील कुमार तिवारी, कुशीनगर। जनपद में इस वर्ष भी अपराधियों का बोलबाला चरम सीमा पर रहा। जहां बदमाशों ने लूट छिनैती चोरी डकैती जैसे अपराधों को दिनदहाड़े भी अंजाम देते रहे वही प्रशासनिक शिथिलता के कारण सबसे गरीब तबके के लोग मुसहर जाति की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं लिया। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर रहा, चाहे बालात्कार हो छेड़खानी हो, जनपद में सबसे बड़ी कैश वैन लूट कांड हो, पत्रकार की दिन दहाड़े गला रेत की हत्या हो चाहे नव विवाहिता को मौत के ठिकाने लगाने की बात हो। कुछ मामलों में तो पुलिस ने अपनी तत्परता दिखाते हुए खुलासा कर दिया लेकिन अधिकांश मामलों में लीपापोती कर उसका इतिश्री कर दिया। जबकि पीड़ित न्याय के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाते रहे लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल सका 2019 मेें, यू कहे की किसी भी अपराध में पीछे नहीं रहा और उसका बोलबाला चरम सीमा पर रहने से पीड़ितों को न्याय से भरोसा भी टूटता रहा।


पडरौना के एक दन्त चिकित्सा डाक्टर मारकन्डेय जायसवाल से बदमाशों ने रंगदारी मांग कर उनके पूरे परिवार की नींद उड़ा दी, जिससे वो परिवार दहशत में जी रहा था, लेकिन पुलिस ने इस मामले का अनावरण बहुत जल्द कर दिया। तरयासुजान के दारू के दुकान मालिक तारकेश्वर गुप्ता फिरौती नहीं देनै पर जानलेवा हमला , दावत के बहाने मठिया श्रीराम निवासी राजकुमार तिवारी उर्फ टूना तिवारी की नर्मम हत्या के वही जीजा साली के पवित्र रिश्ते को कंलकित करने से नहीं कतराए और साली को मौत की नींद सुला दी ।साथ ही जीजा- साली के रिश्ते को कलंकित करते हुए साली को मौत की नींद सुला दी। ऐसा नहीं कि पुलिस इन मामलों के खुलासे में तत्परता नहीं दिखाई वह घटना में शामिल कई अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया, लेकिन कई मामलों में उसके हाथ कोई सुराग नहीं लग सके जिससे यह कहा जाएगी अपराध पर पूर्णतःप्रतिबंध नहीं लग सका और अपराधियों के हौसले बुलंद रहे तरयासुजान शराब तस्करी का अहम अड्डा रहा इस थाना क्षेत्र में बार-बार शराब की खेप पकड़े जाने से साथ जग जाहिर होता है कि ऐस थाना क्षेत्र से तस्करी के लिए भारी मात्रा में शराब की खेप बिहार पहुंचाई जा रही है और पुलिस अपना गुड वर्क दिखाने के लिए इक्का-दुक्का ट्रकों को कभी पकड़ अपना पीठ पीठ थपथपा लेती है । बता देगी बिहार जाने वाली गैस शराब पी के कई थानों से होकर गुजरती है लेकिन उन्हें कहीं नहीं पकड़ा जाता है वह सीधे तरयासुजान थाने के रास्ते बिहार भेज दी जाती है, और कभी-कभार इस पर अंकुश लगाने के उद्देश्य को दिखाने के लिए कुछ गाड़ियों को पकड़ कर पुलिस गुड वर्क को दिखाने के वावजुद साफ साबित करने का खेल भी खेलती है ,वैसे में तरयासुजान थाना पुलिस के लिए कमाऊ थाने के नाम से भी चर्चित माना जाता है।