बगहा(प.च.) :: मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी है कंफ्यूजन होंं तो जानें सही तारीख के साथ पूजा का शुभ मुहूर्त

विजय कुमार शर्मा बगहा(प.चं.) बिहर। हिंदू धर्म में अक्सर कई बार त्योहारों की तारीख और पूजा के शुभ मुहूर्त को लेकर लोग असमंजस में पड़ जाते हैं। कुछ ही दिनों में लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार आने वाला है। लेकिन इस बार भी मकर संक्रांति की सही तारीख को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है कि मकर संक्रांति का त्योहार इस बार 14 जनवरी को मनाया जाएगा या 15 जनवरी को। ज्योतिषीयाचार्य पंडित रिपुसूदन द्विवेदी के अनुसार इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाना चाहिए। 
मकर संक्रांति में 'मकर' शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि 'संक्रांति' का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त :::... मकर संक्रांति 2020- 15 जनवरी, संक्रांति काल- 07:19 बजे (15 जनवरी), पुण्यकाल-07:19 से 12:31 बजे तक, महापुण्य काल- 07:19 से 09: 03 बजे तक, संक्रांति स्नान- प्रात: काल, 15 जनवरी 2020।
दरअसल, इस साल 15 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में आगमन 14 जनवरी मंगलवार की मध्य रात्रि के बाद रात 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है। मध्य रात्रि के बाद संक्रांति होने की वजह से इसके पुण्य काल का विचार अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर तक होगा। इसी वजह से मकर संक्रांति बुधवार 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति का महत्व :::... माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है। इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है। इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।
मकर संक्रांति को क्यों कहा जाता है पतंग महोत्सव पर्व :::... यह पर्व 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग छतों पर खड़े होकर पतंग उड़ाते हैं। हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना मुख्य वजह बताई जाती है। सर्दी के इस मौसम में सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा और हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होता है।