बगहा(प.च.) :: प्रति वर्ष के तरह इस वर्ष भी मनाया को विश्व हिन्दी दिवस

विजय कुमार शर्मा, बगहा प.च. बिहार(१० जनवरी)। हर साल की तरह इस साल भी विश्व हिंदी दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गयी और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी,1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसीलिए इस दिन को 'विश्व हिन्दी दिवस' के रूप में मनाया जाता है।


विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना,हिन्दी को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना,हिन्दी के लिए वातावरण निर्मित करना,हिन्दी के प्रति अनुराग पैदा करना,हिन्दी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है।भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी,2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी।उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी,2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था।


हिन्दी विश्व की एक प्रमुख भाषा एवं भारत की राजभाषा है।केन्द्रीय स्तर पर भारत में दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है,जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।हालांकि हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत के संविधान में किसी भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था।चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है।विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है।