विजय कुमार शर्मा, बिहार, बगहा(प.चं.)। जल जीवन हरियाली, दहेज प्रथा विरोध, बाल विवाह की रोकथाम और नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर आज पुरे बिहार में मानव श्रृंखला का एक बार फिर किर्तिमान स्थापित करने हेतु सभी बिहार वासियों का आह्वान किया किया गया था लेकिन क्या कारण है? कि, विद्यार्थी, शिक्षक, नेतागण और सरकारी कर्मचारियों की तुलना में आम जनमानस की भागीदारी नगन्य या न के बराबर रही एक बार पहले जो किर्तिमान मानव श्रृंखला द्वारा स्थापित किया जा चुका है वो ललक अबकी बार नहीं देखा क्या वाकई में आम जनमानस संतुष्ट नहीं है अगर ऐसा है तो निःसंदेह इसका असर आने वाले चुनाव में भी दिखाई देगा।
असली मानव शृंखला देखना हो बिहार सरकार की तो देखिए
1. रोजगार के रजिस्ट्रेशन की लंबी लाइन... 2.सरकारी बस के आभाव में बस स्टैंड पर बस के इंतजार की लाइन..
3. 500 रुपया वृद्धा पेंशन के लिए 10-10 दिन इंतजार वाली लाइन.. 4. हर एक हॉस्पिटल दवा और डॉक्टर के अभाव में मरीजों के वापस लौटने वाली लाइन.. 5. सैलरी के लिए सरकारी कर्मचारियों की इंतजार की लाइन.. 6. स्टूडेंट्स से रजिस्ट्रेशन के नाम पर धन उगाही वाली लाइन... 7. शराब बंदी के बाद हर थाने में सैकड़ों केश और बिना निपटे मामले की लाइन.. 8. हर न्यायालय में न्याय के इंतजार में लोगों की लाइन... 9. हर ब्लॉक ऑफिस में किसानों के अनदेखे मुद्दों की फाइलों की लाइन.. 10. भूमि सुधार ऑफिस में लंबित फाइलों और लोगों की लाइन... 11. नीतीश बाबू के जीहुजूरी में लाइन लगा कर पत्तल चाटने वालों की लाइन।
कुल मिला कर बिहार मानव श्रृंखला का स्मारक है। नीतीश बाबू अपने 3 कार्याकाल में बिहार को चौपट कर दिया है। नीतीश बाबू एक दिन आपको इन तुगलकी फैसलों को लाइन में लग कर जवाब देना होगा।