डेस्क, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह अपने कार्यकताओं के साथ पाँच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमन्त्री से सम्बोधितत अहमद फरीद खान, तहसीलदार कप्तानगंज को सौंपते हुए अवगत कराये है कि जनपद कुशीनगर गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है और इस जनपद का किसान अपने सम्पूर्ण खेतों में से लगभग 80% खेतों में गन्ने की खेती करता है साथ ही साथ इनकी नकदी फसल गन्ना ही है और इसी गन्ने के सहारे किसान अपने बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी व्याह, खेती, दवा, घरेलू अन्य सभी जरूरतों को पूरा करता है। किसान अपने गाढ़ी कमाई का पैसा अपने गन्ने की खेती में लगाता है और एक साल तक गन्ने की खेती अच्छी हो खेतों में जाडा, गर्मी और बरसात में दिन रात मेहनत करके अपने गन्ने को उगाता है और उसके बाद भी किसानों के गन्ने का भुगतान चीनी मीलों द्वारा समय से न हो तो किसानों की हालत क्या होगा आप खुद ही समझ सकते है? गन्ने का भुगतान समय पर न होने के वजह से जनपद कुशीनगर के किसानों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश देखने को मील रहा है जो आने वाले समय में बीजेपी सरकार के लिये शुभसंकेत नही है साथ ही साथ यह एक चिन्ता और चिन्तन का विषय है जिसे देखना योगी सरकार का उतरदायित्व भी है।इससे योगी सरकार मुँह नही मोड सकती है।अपने ज्ञापन के माध्यम से यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने माँग किया है कि जनपद गोरखपुर की पिपराईच चीनी मील को पेराई सत्र 2019-20 में चले हुए लगभग एक महीने होने जा रहा है मगर जनपद कुशीनगर के किसानों के गन्ने के भुगतान के साथ साथ अन्य जनपदों के किसानों के गन्ने का भुगतान अभी तक शुरू नही हुआ है जबकि यह सरकारी चीनी मील है। 2017 में योगी सरकार द्वारा फरमान जारी किया गया था कि उत्तर प्रदेश की सभी मीलें 14 दिनों में गन्ने का भुगतान करेगी? जब योगी सरकार की पिपराईच चीनी मील को पेराई सत्र 2019-20 का अभी तक गन्ने का भुगतान नही किया तो अन्य मीलों की क्या दशा होगी? योगी सरकार द्वारा पिपराईच चीनी मील को पेराई सत्र 2019-20 का भुगतान जल्द से जल्द किसानों के खाते में भेजवाने का कार्य करें| कप्तानगंज चीनी मील को भी चले लगभग 25 दिन हो गए मगर पेराई सत्र 2019-20 का भुगतान अभी तक शुरू नही हुआ है उसे भी योगी सरकार जल्द से जल्द किसानों के खाते में भेजवाने का कार्य करे। यदि गन्ने के पैदावार और खेतों के क्षेत्रफल से चीनी मीलें नई लगवाई जाती है या पुरानी चीनी मीलें संचालित होती है तो योगी सरकार लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने या यहाँ पर नई चीनी मील लगवाने की घोषणा बिना कुछ सोचे तत्काल कर देना चाहिये क्योकि लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र में लगभग 7000 हेक्टयर भूमि में लगभग 45 से 50 लाख कुन्तल गन्ना प्रति वर्ष होता है उसके बाद इस क्षेत्र का लगभग 3 लाख कुन्तल गन्ना पर्ची के अभाव में या अपनी मजबूरी में किसान क्रेशर पर ले जाने के लिये मजबूर हो जाता है और इस क्षेत्र का लगभग 6 से 7 लाख कुन्तल गन्ना बिहार प्रान्त को चला जाता है| योगी सरकार को लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील या यहाँ पर नया चीनी मील लगवाने की घोषणा तत्काल कर देना चाहिए। पडरौना-कप्तानगंज मार्ग से जो लक्ष्मीगंज के तरफ सड़क आ रहा है उसे बनवाने के लिये हमारा यूनियन लगातार माँग कर रहा है मगर आज तक इस सड़क को बनवाने के लिये योगी सरकार द्वारा कोई पहल नही किया गया जबकि 2017 में मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ ने फरमान जारी किया था कि 15 जून 2017 तक सूबे की जो सड़क गढ्ढायुक्त है उसे गढ्ढामुक्त कर दिया जायेगा मगर सरकार का यह दावा यहाँ विफल नजर आ रहा है| पडरौना- कप्तानगंज मार्ग से जो लक्ष्मीगंज के तरफ सड़क आ रहा है वह इतना टूट गया है कि आये दिन उस सड़क पर हादसा होते होते बच रहा है| हमारा यूनियन योगी सरकार से माँग कर रहा है कि इस सड़क का चौडीकरण करते हुए दोनों तरफ पानी बहने का नाला बनवाया जाय ताकि सड़क पर जलजमाव न हो सके| इस सड़क को लक्ष्मीगंज चौराहे से लेकर भटवलिया मोड तक बनवाया जाय जिसकी लम्बाई लगभग चार (4) किलोमीटर होगा जो जनहित में होगा| लक्ष्मीगंज चीनी मील बन्द हो जाने के वजह से सबसे बड़ा नुकसान यहाँ के व्यापारियों का हुआ है| मील बन्द हो जाने से लक्ष्मीगंज जनपद कुशीनगर के नक्शा से बिलुप्त होने के कगार पर पहुँच चुका है। इसी बातों को मध्यनजर रखते हुए हमारा यूनियन लगातार माँग कर रहा है लक्ष्मीगंज को नगर पंचायत का दर्जा दिलवाया जाय| यदि लक्ष्मीगंज को नगर पंचायत का दर्जा मील जाता है तो इसके अस्तित्व को बचाया जा सकता है और साथ साथ यहाँ पर रोजगार भी सृजन हो जायेगा। हमारा यूनियन योगी सरकार से मांग करता है कि लक्ष्मीगंज को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने में आप अपनी अहम भूमिका निभावें जो जनहित में होगा।
अन्त में यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने बताया है कि योगी सरकार जल्द से जल्द हमारी माँगों के ऊपर कोई पहल नही करती है तो हमारा यूनियन सड़क पर आने के लिये मजबूर होगा जिसका पूरा क्षेत्र शासन प्रशासन को जायेगा| इस मौके पर रामप्यारे शर्मा, चेतई प्रसाद, रामअधार प्रसाद, भोरिक यादव के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।