पटना :: बिहार में सभी आंगनवाड़ी केंद्रों की फिर से होगी जांच,सेविकाओं और सहायिकाओं पर भी गिरेगी गाज, सरकार बाहर के एजेंसी से करवाएगी ऑडिट

विजय कुमार शर्मा, पटना, बिहार(१३ जनवरी )। हाल ही में सरकार ने सामाजिक अंकेक्षण करवाया था जिसमे सरकार को सबसे बड़ी निराशा समाज कल्याण विभाग के द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार वितरण में अनियमतता के रूप में नजर आया जहां सरकार भी ये मानने लगी है कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार सही ढंग से नही बंटा जा रहा है।
आपकों मालूम हो कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर अंडा का घोटाला हो रहा है इसकी जानकारी खुद सूबे के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने अपने विभाग को लेकर किया जहां पटना में सक्षम के सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में उन्होंनेकहा कि केंद्रों पर आधा-आधा अंडा दिया जाता है जहां मेनू से नाश्ता भी गायब रहता है। वहीं पोषाहार के नाम पर मेनू से नाश्ता गायब है और कागजों पर दूध बच्चों को दिया जाता है। वहीं इस मौके पर बैठक में शामिल सीडीपीओ से भी विभागीय मंत्री ने पूछा कि अंडा मिलता है तो सभी ने कहा कि एक-एक अंडा दिया जाता है इसपर मंत्री ने कहा कि हम तो अपने औचक निरीक्षण में यही जान पाये कि एक ही अंडे के दो टुकड़े करके दो बच्चों को दिये जाते हैं तो वहीं मंत्री ने खुद कहा कि वह राज्य में 20 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में गए जहां उन्होंने देखा कि कहीं नाश्ता मेनू में नहीं दिखा।


बता दें कि राज्य में कुल 411 सीडीपीओ हैं जिनमें से आधे से ज्यादा की वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है जहां समाज कल्याण विभाग को शिकायत मिली थी कि अप्रैल और मई महीने में इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से पोषाहार का वितरण नहीं किया गया। वहीं विभागीय जांच में इस बात की पुष्टि होने के बाद कुल 246 सीडीपीओ को इस मामले में दोषी पाया गया है और इनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई है।