पटना :: आखिरकार वेतनमान के मुद्दे पर बिहार के नियोजित शिक्षकों ने एक बार फिर हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है, जिससे नीतीश सरकार की मुसीबतें बढ़ना तय हैं. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की बैठक में नियोजित शिक्षकों के सभी 28 संघों की सहमति के बाद समन्वय समिति के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है. हड़ताल पर जाने वालों में जहां सभी प्रारम्भिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों के साथ प्लस 2 शिक्षक संघ भी शामिल हैं। नियोजित शिक्षकों ने साफ कहा है कि आगामी 17 फरवरी से राज्य में मैट्रिक की परीक्षा आयोजित होने वाली है. इसके बाद जनगणना का भी काम शुरू होगा, जिसका नियोजित शिक्षक बहिष्कार करेंगे. वह सरकार की किसी भी चेतावनी और धमकियों से नहीं डरेंगे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से मिली हार के बाद नियोजित शिक्षक किसी भी हालत में चुनावी साल को गंवाना नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि परीक्षा की तिथि के दिन से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. इससे पहले बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति ने 19 जनवरी के मानव श्रृंखला का बहिष्कार भी किया था,जिसमें सभी 4 लाख शिक्षक दूर रहे थे. शिक्षकों के इस फैसले के बाद अब राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती होगी कि बिना नियोजित शिक्षकों के कैसे मैट्रिक जैसी परीक्षा का आयोजन कर पाएगी, क्योंकि परीक्षा डयूटी से लेकर मूल्यांकन तक के कार्य से शिक्षक दूर रहेंगे।