रामगढ़वा :: मदरसा जाँच करने पहुँची बीईओ, मिली भारी अनियमितता

::- मदरसे के प्रधानाध्यापक को बच्चों की संख्या नहीं है मालूम  ::- मदरसे के प्रधानाध्यापक के पास नहीं रहती कोई भी मदरसे की कागजात।


विजय कुमार शर्मा, बिहार, रामगढ़वा। फर्जी बहाली और फर्जी कमिटी बना कर गलत तरीके से मन मर्जी बहाली करने और अन्य आरोपों की जाँच करने रामगढ़वा प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी इंदिरा कुमारी , सी आर सी सी अशोक कुमार मिश्र, एम डी एम प्रभारी कृष्णा कुमार, बि आर पी मुकेश कुमार सिंह गुरुवार को स्थानीय मदरसा फलाहुल मुस्लेमीन में पहुँचे। और स्थानीय लोगों ने जितने भी आरोप लगाया है उन सारी बिंदुओं पर गहन जाँच किये। आरोप यह है कि मदरसे के पूर्व शिक्षक हाफिज ताहीर हुसैन की अनुपस्थित होने के वावजूद वेतन की निकासी की गई है। इस बारे में जब बी ई ओ इंदिरा कुमारी ने मदरसे के प्रधानाध्यापक रेयाज अहमद से पूछीं तो प्रधानाध्यापक रेयाज अहमद ने कहा कि उनकी तबियत खराब थी और ओ मेडीकल में थे और इस बीच की राशि नहीं उठाई गई है । तो श्री कुमारी ने कहा कि अगर ओ मेडिकल में थे तो कोई सुबूत है तो जवाब में रेयाज अहमद ने कहा कि इसका सुबूत मदरसे के शिक्षक मुफ़्ती ज्याउल हक अपने अलमारी में रख कर ताला लगा कर चले गए हैं। आएंगे तो मैं उनसे माँग कर सोमवार को आपके पास जमा कर दूंगा। अब इस पर सवाल यह उठता है कि क्या मदरसे का रेकॉर्ड सहायक शिक्षक के पास रहता है ? क्या मदरसे का मालिक सहायक शिक्षक है ?
दूसरा आरोप यह है कि अनामांकित छात्र छात्राओं को परीक्षा में सम्मिलित किया गया है। इस सवाल के जवाब में प्रधानाध्यापक मौलाना रेयाज अहमद ने कहा कि इसका पूरा फ़ाइल मुफ्ती ज्याउल हक अपने अलमारी में बंद किये हैं। इस सम्बंध में बी ई ओ इंदिरा कुमारी ने प्रधानाध्यापक से सारी कागजात सुबूत सहित सोमवार को जमा करने का आदेश दी हैं।
तीसरा आरोप यह था कि जागीरदार छात्रावास में रहने वाले छात्रों को मध्याहन भोजन दिया जाता है और बाजार के छात्र और छात्राओं को भोजन नहीं दिया जाता है और उनकी हाजरी बना कर सम्मिलित कर दिया जाता है । ईस बारे में जब बी ई ओ ने स्थानीय एक बच्ची को बुला कर पूछी तो उस बच्ची ने कहा कि खाना नहीं मिलता है और हाजरी भी नहीं बोला जाता है इस से मैं कैसे मानु की मेरा नाम है कि नहीं है ? इस पर तुरंत मदरसे के प्रधानाध्यापक मौलाना रेयाज अहमद खड़े हो गए बोले कि इसका नाम है और बच्ची बोल रही थी मेरा नाम नहीं है। इस पर हाजरी रजिस्टर की मांग की गई तो प्रधानाध्यापक ने कहा की रजिस्टर मदरसे के शिक्षक मुफ्ती ज्याउल हक अपने अलमारी में बंद किये हैं। इस पर यह आशंका जताई जा रही है कि फर्जी हाजरी बना कर राशि का गबन तो नहीं किया गया है ?
चौथा आरोप यह है कि स्व मौलाना तबारक हुसैन की सेवानिवृत्ति के विरुद्ध अनियमितता और जालसाजी कर बहाली की गई है और आरोप यह भी है अध्यक्ष पद पर दिवंगत अध्यक्ष के पुत्र अनवारुल हक को जो राजकीय प्राथमिक विद्यालय ( संस्कृत) के शिक्षक हैं । अवैध रूप से अध्यक्ष बना कर उपयुक्त कदाचार और अवैध कार्य और पर्दा डालने के उद्देश्य से बनाया गया है। जबकि शाबान 2019 में जब स्थानीय लोगों को मालूम हुआ तो एक बैठक कर सर्व सहमति से निर्णय हुआ कि रमजान बाद कार्यकारिणी का चुनाव कर सभी अनियमितताओं की जांच होगी जिसमें यह लोग उपस्थित थे। पूर्व सचिव जावेद अख्तर, प्रधान मौलवी रेयाज अहमद, मुफ़्ती ज्याउल हक, कारी अब्दुससमद ,डॉक्टर मुज्तबा शम्शी, मास्टर अनवारुल हक, मास्टर अमानुल्लाह, अजीजुल हक, मौलाना अब्दुल हक, मोहम्मद फरमान, शमशुल हक, हाजी अब्दुर्रहमान, हाजी मुर्तुजा हुसैन, मुन्ना आलम, फिरोज आलम। फिर भी गुप्त रूप से मदरसे के मौलाना लोग और पूर्व सचिव जावेद अख्तर और डॉक्टर मुज्तबा शम्शी, मास्टर अनवारुल हक ने पूर्व सचिव के पुत्र और एक मौलाना की नियुक्ति कर ली है ।इस सम्बंध में जब बी ई ओ इंदिरा कुमारी पूछीं तो प्रधानाध्यापक और मुज्तबा शम्शी के पास कोई जवाब नहीं था और उनलोगों ने कोई जवाब नहीं दिया । इस से यह जाहिर होता है कि कमिटि फर्जी बनी है।
यहाँ बता दें कि मदरसे के प्रधानाध्यापक को यह भी मालूम नहीं कि हमारे मदरसे में कितने जागीर के बच्चे हैं ।
बी ई ओ इंदिरा कुमारी ने बताया कि जितने भी आरोप थे उन सारी विन्दुओं पर जाँच की गई है और इस बारे में प्रधानाध्यापक द्वारा दिये गए किसी भी जवाब से हम सन्तुष्ट नहीं हैं। इस सम्बंध में सम्बंधित सभी कागजात जमा करने का निर्देश प्रधानाध्यापक को दिया गया है।
उस सम्बन्ध में बी ई ओ ने प्रधानाध्यापक को यह निर्देश दी हैं कि निम्नलिखित कागजातबी आर सी रामगढ़वा में सोमवार तक हर हाल में जमा करें ।
मौके पर बी ई ओ इंदिरा कुमारी, सी आर सी सी अशोक कुमार मिश्र, बी आर पी मुकेश कुमार सिंह, एम डि एम प्रभारी कृष्णा कुमार, फरमान मियाँ, परवेज आलम, मदरसे के प्रधानाध्यापक मौलाना रेयाज अहमद, मास्टर अब्दुल्लाह, कारी अब्दुस्समद सहित अन्य लोग मौजूद थे।