विजय कुमार शर्मा, बिहार, बगहा(प.चं.)। जहां रामनगर के नर्मदेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं। वही सावन की महीनों में दूर दूर से लाखों की संख्या में शिव भक्तों की दर्शन तथा जलाभिषेक के लिए तांता लगा रहता है।बतादें कि इस चम्पारण के धरती की बेमिसाल धरोहर है। इस मंदिर का निर्माण सेन वंश के राजा प्रहलाद सेन के द्वारा 1860 ईसवी सन में कराया गया था । जो वस्तु कला अद्वितीय है । इस मंदिर की विशेष खासियत यह है कि पांच गुम्बद वाला मंदिर किसी भी दिशा से देखा या फोटो लिया जाता है तो सिर्फ चार ही गुम्बद दिखता है । उस जमाने मे कलाकृतियों की बेमिसाल कहानियां बयां करती है। मंदिर के मुख्य दरवाजे पर देवाधिदेव महादेव बिराजमान हैं। वही अन्य चार मंदिरों में गणेश जी , माता रानी दुर्गा, सूर्यदेव तथा विष्णु भगवान बिराजमान हैं । मान्यता है कि श्रावणी महीने के पूर्व में वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी संगम घाट से लाखों कांवरिया शिव भक्त जल लेकर पैदल करीब 80 किलोमीटर दूरी तय कर बाबा नर्मदेश्वर के पास पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं । वही शिवलिंग पर जल पुष्प अर्पित कर सारे भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है । इस मंदिर का मुख्य गेट लगभग 185 फीट ऊंची है ।अन्य चार मंदिर की ऊंचाई 150 फीट ऊंची है । आश्चर्यजनक है कि तकरीबन पौने दो साल पूर्व इतना साइंस डब्ल्प समय नहीं था । फिरभी इतना मजबूत तथा उचाई कैसे बना हुआ है। लोग आज भी आश्चर्य भरी नजरों से देखते आ रहे हैं । इस मंदिर की खूबसूरती एवं खूबियों को जांचने परखने के लिए कितने साइंस वैज्ञानिक यहां आज भी पहुंचते हैं । यहां तक कि इस मंदिर में भोजपुरी फिल्म के कई डाइरेक्टरों ने हीरो हीरोइन पर फिल्माया गया जाता रहा है । इसकी खूबसूरती मन को मोह लेता है । लोग श्रद्धा से अपने बेटा बेटी की शुभ विवाह तथा मंगनी की रश्म पूरी करते हैं।
बगहा(प.चं.) :: नर्मदेश्वर मंदिर रामनगर में हजारों श्रद्धालुओं नें चढ़ाया जल