शहाबुद्दीन अहमद, बेतिया(प.चं.), बिहार। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने वनों के विलुप्त जीवों एवं वनस्पतियो की रक्षा के लिए नई पीढ़ियों को संरक्षित करने हेतु, सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार, सत्याग्रह भवन में विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया।इस अवसर पर वरिष्ठ पर्यावरणविद सह सचिव, सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद (अधिवक्ता) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68 वे सत्र में 3 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की थी,विश्व के अनेक देशों के साथ भारत में भी प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाया जाता है !इस मौके पर विलुप्त वन जीवो एवं वनस्पतियों के व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (सी आई टी इ एस) को स्वीकृत किया गया, जिला में वनों एवं प्राकृतिक सुंदरता के साथ विलुप्त हो रहे जीवो एवं वनस्पतियों का संरक्षण स्थल है ,विगत कई दशकों से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व द्वारा जिला में इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है जो सराहनीय है, इस अवसर पर पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने कहा कि नई पीढ़ी को विश्व प्राणी दिवस के अवसर पर यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि कैसे हम अपने विलुप्त वन्यजीवों एवं वनस्पतियों को अत्यधिक संरक्षित कर सकते हैं ताकि पर्यावरण के साथ जल ,जंगल एवं प्रकृति को संरक्षित कर भारत समेत पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके, इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर डॉ0 नीरज गुप्ता, बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ0 शाहनवाज अली ने कहा कि जल, जीवन, हरियाली के अंतर्गत ,सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने जिला में नीम ,तुलसी, पीपल, एवं चंपा के वृक्षों के लिए अभियान चला रही है,ताकि जलवायु परिवर्तन से होने वाले कठिनाइयों से मानव जीवन एवं प्राणियों को बचाया जा सके।
बेतिया(प.चं.) :: विश्व वन प्राणी दिवस के अवसर पर जीवो एवं वनस्पतियों की रक्षा पर कार्यक्रम का किया गया आयोजन