कुशीनगर :: बन्द चीनी मिल के समस्याओं को लेकर भाकियू (भानु) के जिलाध्यक्ष ने विधायक को सौपा ज्ञापन

डेस्क, कुशीनगर केसरी/केके न्यूज 24, कुशीनगर(२४ नवंबर)। लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने या यहाँ पर नया चीनी मील लगवाने के लिये भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक ज्ञापन रामकोला के विधायक रामानन्द बौद्ध को सौपते हुए माँग किया गया है कि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये आप अपने स्तर से कोशिश करके इस मील को चलवाने में अपनी अहम भूमिका निभावें जो इस परिक्षेत्र के किसानों के हित में मील का पत्थर साबित होगा साथ ही साथ आपके विधानसभा क्षेत्र में विकास की एक नई कड़ी जुड जायेगी।


बताते चले लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह द्वारा 05 अक्टूबर 2018 से धरना प्रदर्शन और ज्ञापन के माध्यम से लगातार केंद्र और राज्य सरकार को सूचित किया जा रहा है मगर उत्तर प्रदेश की सरकार के तरफ से लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है। इसी क्रम में यूनियन द्वारा 26 नवम्बर 2018 से 61 दिन लगातार अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया गया और आचार संहिता लागू हो जाने के वजह से धरना प्रदर्शन को बन्द किया गया था। यूनियन द्वारा पुनः दिनाँक 10 जून 2019 से लगातार 48 दिन अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया गया मगर अभी तक लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये योगी सरकार द्वारा घोषणा नही किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र पिपराईच में एक नया चीनी मील को लगवा दिए मगर उन्होंने यह कभी भी नही सोचा की जनपद कुशीनगर में भी कम से कम एक चीनी मील चालू किया जाय? जबकि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील चलने योग्य है और बिबादित परिस्थियां ना के बराबर है साथ ही साथ इसको चालू करने हेतु हर प्रकार की उपयुक्त सुविधा मौजूद है। लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है इस क्षेत्र में किसानों का नकदी फसल गन्ना ही है और इसी गन्ना के सहारे किसान अपने बच्चों के पढ़ाई, दवाई, शादी विवाह के साथ साथ अन्य सभी जरूरतों को पूरा करता है और इस क्षेत्र में गन्ना बिना पानी के भी हो जाता है इसका मुख्य कारण है यहाँ की जलवायु और अत्याधिक उपजाऊ मिट्टी है जो गन्ने के खेती के लिये उपयुक्त है।


भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह आपसे विन्रम निवेदन के साथ यह कहना चाहते है की पिपराईच चीनी मील क्षेत्र में लगभग 12 से 14 हजार हेक्टेयर भूमि में हर साल गन्ने की उपज लगभग 05 लाख कुन्तल होता है उस जगह पर एक नया चीनी मील स्थापित करा दिए जबकि लक्ष्मीगंज चीनी मील परिक्षेत्र में 40 से 45 लाख कुन्तल से ज्यादा गन्ने का उत्पादन प्रति वर्ष होता है और इसी गन्ने के सहारे जनपद की तीन-तीन चीनी मीलें कप्तानगंज, ढाडा और रामकोला 4 से 5 महीने सुचारु रूप से संचालित होती है और लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को अनदेखा कर दिया गया?जो इस परिक्षेत्र के किसानों के साथ माननीय योगी जी द्वारा सौतेला ब्यवहार किया जा रहा है जिसका जबाब आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी को किसान देने को तैयार बैठे है। यदि गन्ने के क्षेत्रफल और गन्ने के पैदावार से नई चीनी मीलें लगवाई जाती है तो माननीय योगी जी को पिपराईच चीनी मील को लगवाने से पहले लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाया चाहिए था या यहाँ पर नया चीनी मील लगवाना चाहिये था? पेराई सत्र 2018-19 में लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र से लगभग 7 लाख कुन्तल गन्ना बिहार प्रान्त के गोपालगंज चीनी मील पर गया था और इस क्षेत्र का लगभग 2 से 3 लाख कुन्तल गन्ना किसान पर्ची के अभाव में हर साल क्रेशर पर देने के लिये मजबूर हो जाते है। यदि पर्ची की आपूर्ति समय से हो जाता तो किसान अपने गन्ने को कौडियों के भाव बेचने को मजबूर नही होता? लक्ष्मीगंज चीनी मील 40-45 एकड में स्थापित है और इस बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये यहाँ हर एक सुविधा मौजूद है। लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील के गन्ने का क्षेत्रफल पूरब से लेकर पश्चिम तक 16 किलोमीटर और उत्तर से लेकर दक्षिण तक 20 किलोमीटर में फैला हुआ है और लगभग 500 मजरों के 68 से 70 हज़ार हेक्टेयर रकवा मे गन्ने की खेती परम्परागत से होती आ रही है। लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र में प्रति हेक्टेयर गन्ने की उपज वर्तमान मे 800 से लेकर 1000 कुन्तल है। लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र प्रतिवर्ष 60 से 70 लाख कुन्तल गन्ना उत्पादन करने मे सक्षम है। इस मौके पर चेतई प्रसाद, दुर्गा सिंह, धीरज सिंह, डब्लू पाण्डेय, रामसखा वर्मा, बबलू खान, रामनारायन यादव, कृष्ण गोपाल चौधरी, रामाक्षय वर्मा, भोरिक यादव, बंशबहादुर विश्वकर्मा, राधे प्रसाद, रामाधार प्रसाद, रामनवल प्रसाद के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।