कुशीनगर :: विशेषज्ञों ने खेती में विविधता लाने पर जोर देते हुए किसान मेले में उपस्थित किसानों को मृदा परीक्षण व जैविक खेती करने की दी सलाह

मनोज पांडेय, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। नेबुआ नौरंगिया स्थानीय विकास खंड के मॉडल गांव पिपरपाती में आयोजित किसान मेले में उपस्थित विशेषज्ञों ने खेती में विविधता लाने पर जोर देते हुए मृदा परीक्षण व जैविक खेती करने की सलाह दी।
मेले में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए उप्र गन्ना अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि गन्ने की संस्तुत प्रजातियो में से कई प्रजातियो की बुवाई करें बेहतर होगा की ट्रेंच विधि से बुआई करने के बाद बची खाली जगह में लहसुन,प्याज आदि की खेती करें जिससे महंगे कीटनाशकों के प्रयोग से मुक्ति के साथ ही पर्याप्त आर्थिक लाभ भी होगा।


उन्होंने गन्ने के सहफसली खेती के रूप में गोभी और टमाटर की खेती को लाभकारी बताते हुए इन फसलों को खर पतवार नियंत्रण में सहायक होने के साथ ही जैविक खाद का अच्छा स्रोत बताया।उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग को मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए घातक बताते हुए संतुलित उर्वरक प्रयोग की सलाह दी।मेले में जिले से आये मृदा विश्लेषक प्रमोद पांडेय ने मृदा परीक्षण से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर फसल विशेष हेतु तय उर्वरक के प्रयोग के साथ सूक्ष्म तत्वों के प्रयोग पर बल देते हुए बताया कि ऐसा न करने की सूरत में फसल की भरपूर पैदावार नही होगी और किसान को घाटा उठाने को मजबूर होना पड़ेगा।इस दौरान ए डी ओ कृषि कल्पनाथ राय,गोदाम इंचार्ज राजू सिंह,बी टी एम अखीलेश कुमार गोंड सहित ढेर सारे किसान उपस्थित रहे।