बगहा(प.च.) :: 65वीं वाहिनी ने स्वच्छता पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत चलाया जल शक्ति स्वच्छता अभियान

विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, बगहा प.च. बिहार। स्वच्छता पखवाड़ा ०१ दिसंबर से १५ दिसंबर तक के अंतर्गत आज १३ दिसंबर को जल शक्ति अभियान द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया। 65वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल बेतिया व बगहा के कमांडेंट उपेंद्र रावत के नेतृत्व में कार्यालय परिसर में जल शक्ति अभियान चलाया गया।


सशस्त्र सीमा बल 65वीं वाहिनी बेतिया व बगहा केे कमांडेंट उपेन्द्र राव ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य और कल्याण का संबंध सीधे तौर से पर्याप्त जलापूर्ति और फंक्शनल सेनिटेशन  प्रणालियों में है। भारत ने जल और साफ-सफाई तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया हैं। सरकार के प्रमुख योजना स्वच्छ भारत अभियान (क्लीन इंडिया मिशन) की शुरुआत ग्रामीण क्षेत्रों में 12 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। धीरे-धीरे धरती पर जल की कमी होती जा रही है साथ ही जो भी जल्द उपलब्ध है। वह भी काफी हद तक प्रदूषित है। जिसका इस्तेमाल खाने-पीने और फसलों के कर लोग गंभीर बीमारियों से परेशान हैं।धरती पर जीवन  बचाए रखने के लिए हमें इसके बचाव की ओर ध्यान देना पड़ेगा। हमें जल को व्यर्थ उपयोग नहीं करना चाहिए और उसे प्रदूषित होने सभी बचाना चाहिए। नदियों के किनारे बसे शहरों की स्थिति तो और भी प्रदूषित है। इन नदियों में कल करखाने और स्थानीय निकायों द्वारा फेंका गया। रासायनिक कचरा, मल-मूत्र और अन्य अवशिष्ट उन्हें प्रदूषित कर रहे हैं। इन नदियों के  जल का उपयोग करने वाले कई गंभीर रोगों का शिकार  हो रहे हैं। इससे बचने का एक ही रास्ता है कि लोगों को नदियों को गन्दी होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्हें यह समझाया जाए कि उनके द्वारा  नदियों और तालाबों में फेंका गया कूड़ा कचरा उनके ही पेयजल को दूषित  करेगा। कल कारखानो के मालिकों को इसके लिए बाध्य करना होगा कि वे प्रदूषित और रासायनिक पदार्थों को नदियों में कतई ना जाने दे। प्राचीनकाल में पर्यावरण,पेड़ पौधों और नदियों के प्रति सद्भाव रखने का संस्कार मां बाप अपने बच्चों में पैदा करते थे। वे अपने बच्चों को नदियों पेड़-पौधों और संपूर्ण प्रकृति से प्रेम करना सिखाते थे। वे इस बात को अच्छी तरह से जानते थे कि यह नदी नाले, कुए, तालाब हमारे समाज की जीवन रेखा हैं। इसके बिना जीवन असंभव हो जाएगा इसलिए लोग पानी के स्रोत को गंदा करने की सोच भी नहीं सकते थे। संस्कार आज समाज से विलुप्त हो गया है अपने फायदे के लिए बस जल का दोहन करना ही सब का एकमात्र लक्ष्य रह गया है।हमें इस प्रवृत्ति से बचाना होगा। इस दौरान उप कमांडेंट अरविंद कुमार चौधरी, निरीक्षक/सामान्य मुकेश खुटुम्बनिया,सहायक उपनिरीक्षक/सामान्य रोशन लाल, मुख्य आरक्षी/सामान्य रामदास पोखरकर, मुख्य आरक्षी मणिकंटन आदि जवान उपस्थित रहे।