बेतिया(प.चं.) :: भोपाल गैस त्रासदी की 35 वीं वर्षगांठ पर 10 हजार क्षमता का आपदा क्लीनिक स्थापित करने की सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने पुन: उठाई मांग

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बिहार, बेतिया(प.च.)। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत की सबसे भयानक औद्योगिक घटना भोपाल गैस त्रासदी की 35 वी वर्षगांठ पर भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों के सम्मान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया! जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवी एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया! वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने भोपाल गैस त्रासदी के लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए घटना पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।


इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद ने कहा कि आज ही के दिन आज से 35 वर्ष पूर्व 3 दिसंबर 1984 को भारत की सबसे भयानक औद्योगिक दुर्घटना भोपाल गैस त्रासदी हुई थी !अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाईड के फैक्ट्री में जहरीली गैसों के रिसाव से लवर 15 हजार से अधिक लोग मारे गए थे! दो लाख ऐसे बच्चे थे जिनकी उम्र 15 साल से कम थी! 3000 ऐसी महिलाएं थी जो गर्भवती थी! आज भी भोपाल में कुपोषित एवं विकलांग बच्चे पैदा हो रहे हैं !अगर सामाजिक एवं सरकारी स्तर पर यदि आपदा क्लिनिक स्थापित होता तो इस त्रासदी में मरने वाले लोगों की जानें बचाई जा सकती थी! भविष्य में होने वाले आपदाओं से निपटने के लिए सरकार एवं समाज की जिम्मेवारी है कि भारत के प्रत्येक जिलों में कम से कम 10000 क्षमता का आपदा क्लीनिक स्थापित की जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्राकृतिक त्रासदी से आसानी से लोगो का जीवन सुरक्षित किया जा सके !इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी शाहनवाज अली एवं स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर नीरज गुप्ता समेत वक्ताओं ने पुन: सरकार से मांग करते हुए कहा कि सामाजिक एवं सरकारी स्तर पर इस दिशा में पहल करने की आवश्यकता है! ताकि देश के प्रत्येक जिलों में कम से कम 10000 क्षमता का आपदा क्लीनिक स्थापित की जाए!