बेतिया(प.चं.) :: पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर उन्हेंं याद किया गया

शहाबुद्दीन अहमद, कुशीनगर केसरी, बेतिया(प.चं.), बिहार। २५ दिसंबर को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में चंपारण सत्याग्रह के महानायक सह एशिया की सबसे बड़ी आवासीय विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों पर्यावरणविदों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर एक सर्व धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने चंपारण सत्याग्रह के महानायक पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला।


इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद (अधिवक्ता) ने कहा कि आज ही के दिन आज से 158 वर्ष पूर्व 25 दिसंबर 1861ई0 को चंपारण सत्याग्रह के महानायक महान स्वतंत्रता सेनानी सह एशिया की सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय 25 दिसंबर 1924 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई का जन्म हुआ था। इन दोनों महापुरुषों का सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। इस अवसर पर इस अवसर पर एजाज अहमद ने कहा कि ऐतिहासिक पौराणिक चंद्रावत नदी जिसका उल्लेख विभिन्न ऐतिहासिक पुस्तकों से मिलता है। आज वह पौराणिक ऐतिहासिक नदी चंद्रावत नदी नाले में तब्दील है। चंद्रावत नदी की इस दुर्दशा से जलीय जीवो को आज खतरा उत्पन्न हो गया है। सामाजिक एवं सरकारी स्तर पर हम सबकी जिम्मेदारी है कि पौराणिक ऐतिहासिक चंद्रावत नदी को संरक्षण प्रदान कर दिया जाए। ताकि जल जीवो के साथ जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित किया जा सके। इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर डॉ0 नीरज गुप्ता, बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ0 शाहनवाज अली, वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल, डॉ0 नवेदूं चतुर्वेदी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐतिहासिक पौराणिक चंद्रावत नदी को संरक्षण प्रदान किया जाए, ताकि जल जीवो का जीवन संरक्षित कर पर्यावरण संरक्षण किया जा सके।