बेतिया(पश्चिम चंपारण) :: पुलिस पदाधिकारियों की देखरेख में चल रही है शराब कारोबारियों का गोरखधंधा : डीजीपी

शहाबुद्दीन अहमद, बेतिया(पश्चिम चंपारण), बिहार। पूर्ण शराबबंदी का खुल्लम खुल्ला धज्जियां उड़ाई जा रही है, यह धज्जिया कोई और नहीं उड़ा रहा है बल्कि पुलिस पदाधिकारियों, थाना प्रभारियों के द्वारा उड़ाई जा रही है, इस कथन की सत्यता पर और कोई नहीं, बिहार सरकार के पुलिस महानिदेशक,पटना, गुप्तेश्वर पांडे का स्वीकृति बयान है।
डीजीपी बिहार का कहना है कि अगर पुलिस पदाधिकारी चाहे तो एक बूंद शराब की महक किसी को नहीं लग सकती है, शराब पीना तो दूर बेचना ,बनाना, होम डिलीवरी करना यह सब बंद हो जाएगा ,अगर पुलिस पदाधिकारी अपनी कर्तव्य तथा पुलिस मैनुअल के हिसाब से काम करने लगे तो शराब बंदी तो क्या अन्य बंदी भी सफलतापूर्वक बंद हो सकती है। समाज के अंदर शराब पीना, शराब बेचना, शराब बनाना, यह सब समाज को कलंकित करता है और इस कलंकित कार्य को अगर पुलिस विभाग अपने कर्तव्य को मानते हुए चाह ले तो कभी भी किसी सूरत में भी शराब की एक बूंद भी कहीं नजर नहीं आएगी, मगर ऐसा होता दिखता नहीं है, क्योंकि इसके द्वारा सभी पुलिस पदाधिकारियों की खास कर, थाना प्रभारियों की कामधेनु गाय गाय बनकर रह गई है। सरकार चलती है डाल डाल तो पुलिस पदाधिकारी चलते हैं पात पात, तो फिर किस परिस्थिति में पूर्ण शराबबंदी लागू हो सकती है।
जिले के सभी थाना प्रभारियों को अगर अपनी जिम्मेदारी समझ में आ जाएऔर समाज से बुराइयों को समाप्त करने पर दृढ़ संकल्प करलें तो इस तरह की कई सामाजिक बुराइयों को दूर की जा सकता है ,मगर ऐसा देखने को नहीं मिलता है ,केवल कागजी कार्रवाई करके ही पुलिस विभाग अपने आप को पाला झाड़ लेती है, विगत कई सालों से पूर्ण शराबबंदी के विरोध में कई बार धरना, प्रदर्शन एवं अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया मगर उसके बावजूद भी पूर्ण शराबबंदी की झलक कहीं भी नजर नहीं आती है।