वाल्मीकिनगर(प.च.) :: नारायणी गंडकी माता की 66वीं भव्य महाआरती में कार्यक्रम का किया गया आयोजन

विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, वाल्मीकिनगर प.च. बिहार। स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर अरविंद नाथ तिवारी, कोटि होम आश्रम नेपाल के संत गुरु वशिष्ट जी महाराज, जीवन विज्ञान नेपाल के प्रशिक्षक हरी पोखरेल, विशिष्ट अतिथि डब्ल्यू टी आई के प्रबंध सहायक सुब्रत कुमार बेहरा, परमार्थ संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष दिनेश मुखिया ,चर्चित कलाकार डी.आनंद, थारू कला संस्कृति एवं प्रशिक्षण संस्थान के सचिव होम लाल प्रसाद, व्याख्याता आशुतोष मिश्रा, भाजयुमो के पूर्व जिला अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गुप्त, क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद मद्धेशिया, नेपाल के गायक राम श्रेष्ठ, वार्ड अध्यक्ष मनोज पंजियार, एवं बिरहा गायक श्याम देव साहनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।


मुख्य अतिथि श्री तिवारी ने कहा कि त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित यह महा आरती पर्यावरण संरक्षण संवर्धन हेतु मील का पत्थर साबित हो रहा है ।नदी हमारा अतीत वर्तमान और भविष्य है। प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। डब्ल्यू टी आई के श्री बेहरा ने नारायणी गंडकी नदी के प्राचीन इतिहास और इसके महत्व पर आधारित पत्रक को भक्तजनों के बीच वितरित किया। जीवन विज्ञान नेपाल के प्रशिक्षक हरि पोखरेल ने सुख शांति और समृद्धि के उपाय बताए।कार्यक्रम के प्रथम चरण में संगीतमय योग साधना द्वारा स्वस्थ रहने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए। कार्यक्रम के प्रणेता श्री डी. आनंद ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम द्वारा जल जीवन हरियाली का संदेश भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। जिलाधिकारी पश्चिमी चंपारण द्वारा भी हमारे इस कार्यक्रम को भरपूर सहयोग मिल रहा है। नेपाल के पार्श्वगायक राम श्रेष्ठ ने त्रिवेणी धाम और वाल्मीकि धाम पर केंद्रित नेपाली भजन प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश से आए लोकप्रिय बिरहा गायक श्याम देव साहनी ने निर्गुण भजन द्वारा लोगों को बताया कि मानव जीवन हमें मुश्किल से प्राप्त हुआ है। इसका सदुपयोग करें। संत श्री गुरु वशिष्ट जी महाराज ने सादा भोजन उच्च विचार,तथा दुग्ध भोजन अमृतम का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ दो ही जातियां है नर और नारी।सिर्फ मनुवादी विचारों से कभी भी विश्व का कल्याण नहीं हो सकता ।वार्ड अध्यक्ष मनोज पंजियार ने सर्वधर्म समभाव की भावना से ओतप्रोत इस कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की । गायक संगीत आनंद ने स्वर्ग धरा पर उतरा जहां पर सुख शांति आराम है, चल बंदे दर्शन करले पावन वाल्मीकि धाम है, भजन को मधुरता के साथ प्रस्तुत किया। स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा प्रशिक्षित गायिका खुशबू कुमारी तथा चांदनी कुमारी के मधुर भजनों पर देर तक तालियां बजती रही। कार्यक्रम स्थल को रौशन करने हेतु छायाकार चंदन झा ने शिवालय घाट प्रभारी को दो एलईडी लाइट भेंट किया। अमित सोनी, पंकज कुमार सिंह, राजीव पांडे ,आशुतोष मिश्रा, बाल गायक राहुल जयसवाल, परमार्थ संस्थान के सुरेश यादव, लेखक दिनेश मुखिया, जीवन विज्ञान के शिक्षक दुर्गा बहादुर क्षेत्री, राधा क्षेत्री, राधा शर्मा, सुब्रत कुमार बेहरा, प्रोफेसर अरविंद नाथ तिवारी, निर्भय कुमार, गायक राम श्रेष्ठ, सचिव होम लाल प्रसाद, एवं शिक्षक चंदन कुमार आदि विशिष्ट कार्य हेतु नारायणी गंडकी सम्मान से सम्मानित किए गए। इलाका प्रहरी त्रिवेणी नेपाल तथा आर्म्ड पुलिस फोर्स द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। भारतीय क्षेत्र में आगत अतिथियों को सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व का संदेश दिया। कार्यक्रम के अंत में श्री आनंद ने कहा कि संस्था द्वारा विगत 8 वर्षों से दिव्यांगों को सुबह-शाम भोजन उपलब्ध कराया जाता है। जो एक ऐतिहासिक पहल है। यदि हम मानवीय संवेदनाओं को महसूस करने लगे तो इसका मतलब है हमें ईश्वर का साक्षात्कार हो रहा है। शरद पूर्णिमा ,वाल्मीकि जयंती ,मीराबाई जयंती के साथ-साथ आज हिंदी फिल्म जगत के लोकप्रिय गायक किशोर कुमार की पुण्यतिथि भी है। इस कार्यक्रम से जहां भारत नेपाल के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मे मिठास आ रही है , वहीं दोनों देशों के आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते भी मजबूत हो रहे हैं। मंच संचालन डी. आनंद ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने किया । इस मौके पर स्वरांजलि सेवा संस्थान की अध्यक्ष अंजली आनंद ,एडिटर स्वरांजलि सरगम, गायकर और समाजसेवी संगीत आनंद, वाल्मीकि वसुधा परिवार के अमित सोनी, पंकज सिंह, परमार्थ संस्थान के बबलू पासवान, राम रंजन सिंह, अखिलेश शाह, इजाद संस्था की लक्ष्मी खत्री, ऋषिकेश यादव ,हेमलाल जायसवाल, पंडित हृदयेश मणि त्रिपाठी, प्रमोद रौनियार, नितेश रौनियार ,राजेश निगम,विजय केसरी, शिक्षक चंदन कुमार, ज्योति कुमारी, भाग्यश्री कुमारी, मंटू राम आदि उपस्थित थे। ढोल शंख करताल की मधुर ध्वनि के बीच संगम तट पर नारायणी गंडकी माता की भव्य महाआरती की गई। शरद पूर्णिमा के अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर बड़ी संख्या में भारत-नेपाल के भक्त मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में सभी भक्तों ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन तथा प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा का संकल्प लिया। आध्यात्मिक चेतना जगाने के उद्देश्य से स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा भारत नेपाल के समस्त भक्तों को हनुमान चालीसा एवं दुर्गा चालीसा भेंट किया गया। दिल्ली के समाजसेवी विद्या दित्य सिन्हा उर्फ संजू के सौजन्य से महाप्रसाद की व्यवस्था की गई थी।