विजय कुमार शर्मा, कुशीनगर केसरी, बगहा प.च. बिहार। समाज को शिक्षित बनाने के लिए अपना सब कुछ कर चुके हैं न्योछावर। थरुहट के एक शिक्षक ऐसे भी, जो खुद अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकते, लेकिन बच्चों को शिक्षा का सहारा देकर सिखा रहे हैं चलना। खुद अपने पैरों पर खड़े होने में असमर्थ रामजी महतो बच्चों को खुशहाल जिंदगी का सपना दिखाकर अपना दुख भूल जाते हैं।
बता दें कि हरनाटांड़ पंचायत अंतर्गत बैरियाकला गांव निवासी 68 वर्षीय रामजी सुशिक्षित समाज बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर रहे हैं। दो दशक पूर्व जब डॉक्टर ने रामजी को कहा कि अब आप अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते तो जिंदगी बोझ सी लगने लगी। मगर हिम्मत ने साथ नहीं छोड़ा। ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्होंने शिक्षा दान को ही शेष बची जिंदगी के लिए लाठी बनाने का संकल्प लिया।